शिक्षा ही विकास का सबसे बड़ा आधार

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डिजिटल और कार्यात्मक साक्षरता को बढ़ावा देने पर जोर दिया
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : जनता इण्टर कॉलेज सुरखेत में अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर आयोजित गोष्ठी में डिजिटल और कार्यात्मक साक्षरता को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा को समावेशी और कौशल आधारित बनाने के साथ ही आज के डिजिटल युग में कार्यात्मक साक्षरता को बढ़ाने के लिए निरन्तर प्रयास करने की आवश्यकता है।
विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं एन.एस.एस. के गढ़वाल मंडल कार्यक्रम समन्वयक पुष्कर सिंह नेगी ने छात्र-छात्राओं को जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षा ही विकास का सबसे बड़ा आधार है। दुनियाभर में साक्षरता का स्तर बढ़ाने के लिए यूनेस्को द्वारा 1967 से प्रत्येक वर्ष 08 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का मुख्य विषय (थीम) “डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा देना” निर्धारित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल साक्षरता के स्तर में सुधार और अभिवृद्धि करके राष्ट्र को विकसित करके समृद्ध बनाना है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सर्वेक्षण और शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2025 में भारत की कुल साक्षरता 80 प्रतिशत से अधिक है। देश में चलाए जा रहे शिक्षा का अधिकार अधिनियम, सर्व शिक्षा अभियान, समग्र शिक्षा, डिजिटल इंडिया, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, निपुण भारत जैसे कार्यक्रमों का साक्षरता दर बढ़ाने में विशेष योगदान रहा है। गोष्ठी में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के स्वयं सेवकों के साथ ही छात्र संसद के प्रधान नायक विश्वजीत सिंह, खेल सचिव गौरव चौहान, अनुशासन सचिव अरविंद सिंह नेगी, स्वच्छता सचिव रितेश सिंह, सांस्कृतिक सचिव चांदनी व अन्य छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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