देहरादून। लैंड फ्राड समन्वय समिति की मंगलवार को देहरादून में हुई बैठक में गढ़वाल मंडल के सात जिलों में दर्ज 58 मामलों में सिर्फ आठ का ही निस्तारण हो पाया। गढ़वाल मंडल के अपर आयुक्त उत्तम सिंह चौहान की अध्यक्षता में इसे लेकर बैठक हुई। बैठक में सबसे ज्यादा 46 मामले देहरादून जिले से संबंधित थे। सर्वे चौक स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित बैठक में अपर आयुक्त चौहान ने अफसरों लैंड फ्रॉड के मामलों को गंभीरता से लेते हुए इनके निस्तारण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जमीन धोखाधड़ी के मामलों की रिपोर्ट तत्काल साझा की जाए। साथ ही जिन मामलों में यह स्पष्ट हो रहा है कि जमीन धोखाधड़ी हुई है, उनमें मुकदमा दर्ज करते हुए एसआईटी जांच की जाए। साथ ही भूमि संबंधी प्रकरण को लंबित न रखा जाए। बैठक में देहरादून के 46 मामलों के अलावा पौड़ी के 06, टिहरी और रुद्रप्रयाग के दो-दो और चमोली, और उत्तरकाशी जिले के एक-एक प्रकरणों पर चर्चा की गई। लैंड फ्राड समन्वय समिति में जिन मामलों की सुनवाई चल रही है, इनमें एक माह में संबंधित से रिपोर्ट भी मांगी गई है। जनपद के 1-1 प्रकरण पर चर्चा की गई। इस दौरान संबंधित अधिकारियों की जांच रिपोर्ट और शिकायतकर्ताओं की सुनवाई के आधार 08 मामलों का मौके पर निस्तारण किया गया। लैंड फ्रॉड समन्वय समिति ने सुनवाई में चल रहे अधिकांश मामलों पर एक माह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। बैठक में अपर जिलाधिकारी जय भारत, एसडीएफओ मसूरी उदय गौड़, एसडीएम डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल, अपूर्वा सिंह, एसडीएम विकासनगर विनोद कुमार, एसडीएम वृजेश कुमार तवारी, एसडीएम कर्णप्रयाग सोहन सिंह रांगड़, एसडीमए यमकेश्वर अनिल चन्याल, एसडीएम रूड़की लक्ष्मी राज चौहान, एसडीएम लैंसडाउन शालिनी मौर्य, संयुक्त सचिव एमडीडीए गौरव चटवाल, एमएनए ऋषिकेश शैलेन्द्र सिंह नेगी, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, एसआर राम दत्त मिश्रा समेत अन्य मौजूद रहे।