मंत्रिमंडल को लेकर नहीं बन रही बात? शपथ लेने के बाद पांचवीं बार दिल्ली पहुंचे एकनाथ शिंदे
मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए 26 दिन बीत चुके हैं लेकिन अब तक मंत्रिमंडल का ऐलान नहीं किया गया है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि मंत्रिपद बंटवारे को लेकर भाजपा और शिवसेना के शिंदे गुट में बात बन नहीं पा रही है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे फिर दिल्ली पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि अगले महीने विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले वह मंत्रियों का ऐलान कर सकते हैं। शपथ लेने के बाद यह शिंदे की पांचवीं दिल्ली यात्रा है।
जब से एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ली है तब से महाराष्ट्र में टू-मैन कैबिनेट ही है। शिवसेना के जो बागी विधायक शिंदे गुट में शामिल होकर उद्घव सरकार गिराने में मदद्गार साबित हुए उन्हें भी ईनाम दिया जाना है। वहीं भाजपा नेताओं का भी पर्दे के पीटे से योगदान रहा है। भाजपा मुख्यमंत्री पद का बलिदान पहले ही कर चुकी है। अब सवाल है कि भाजपा को कैबिनेट में कितनी जगह मिलेगी।
मुख्यमंत्री के रूप में शिंदे अहम मंत्रालयों की इच्छा रखते हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि डिप्टी के रूप में काम करने वाले देवेंद्र फडणवीस, अमित शाह और जेपी नड्डा चाहते हैं कि कैबिनेट में भाजपा को अच्छा प्रतिनिधित्व मिले। सेना के विद्रोही गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने इस बात से इनकार किया है। एकनाथ शिंदे से जब उनकी दिल्ली यात्रा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया।
आज एकनाथ शिंदे ने उद्घव ठाकरे को उनके जन्मदिन पर बधाई भी दी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि मां जगदंबा आपको लंबी आयु दें। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे 62 साल के हो गए हैं। एक दिन पहले ही ठाकरे ने कहा था कि जब उन्होंने गले की सर्जरी कराई थी तो बहुत सारे लोग प्रार्थना कर रहे थे कि मैं जल्दी ठीक हो जाऊं, वहीं कई लोग ऐसे भी थे जो सोच रहे थे कि मैं ठीक ही न होऊं।
बता दें कि अब दोनों गुटों में शिवसेना पर अधिकार को लेकर जंग चल रही है। चुनाव आयोग ने दोनों से ही बहुमत साबित करने को कहा है। टीम ठाकरे ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उनका कहना है कि जब तक दोनों गुटों के अयोग्य घोषित होने पर सुप्रीम कोर्ट फैसला नहीं सुनाता, पोल पैनल यह फैसला नहीं कर सकता कि असली शिवसेना कौन सी है।