जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : हल्दूखाता कलालघाटी निवासी सावित्री का जीवन एक दु:खद हादसे के बाद अंधेरे में डूब गया था। लगभग एक वर्ष पूर्व उन्होंने अपने पति और बेटे दोनों को खो दिया। इस गहरे सदमें ने उनके मानसिक संतुलन को हिला दिया। कुछ माह पूर्व ही एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने सावित्री को करुणा धाम आश्रम में भर्ती करवाया। ऐसे में अब सावित्री की मुलाकात अपनी मां से हुई है, कई वर्ष बाद बेटी को देख मां की आंखे छलक उठी।
डेढ़ वर्ष पूर्व तक सावित्री का जीवन अपने पति व बच्चे के साथ बेहतर तरीके से व्यतीत हो रहा था। लेकिन, एक वर्ष पूर्व अचानक नियति ने उससे उसके पति को छीन लिया। पति की मौके के बाद सावित्री का बेटा भी इस दुनिया को छोड़कर चला गया। अपनी दुनिया टूटने से सावित्री इतनी आहत हुई कि उसकी मानसिक स्थिति ही बिगड़ गई। सावित्री घर छोड़ सड़क पर भटकने लगी। कुछ माह पूर्व पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने सड़क से सावित्री का रेस्क्यू कर उसे जनपद बिजनौर के अंतर्गत नजीबाबाद में करुणा धाम आश्रम में भर्ती करवाया। साथ ही सावित्री की मां से भी संपर्क कर उन्हें पूरी स्थिति से अवगत करवाया। आश्रम में सावित्री को उपचार दिया गया। साथ ही उन्हें बेहतर माहौल मिला, जिसके बाद सावित्री की हालत में सुधार होने लगा। शुक्रवार को एएचटीयू टीम ने सावित्री को उनकी मां के सुपुर्द कर दिया।