उत्तराखंड

बिजली संविदा कर्मचारियों ने समान काम समान वेतन मांगा

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नैनीताल। उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संघ का 12वां प्रदेश अधिवेशन रविवार को नैनीताल के शैले हल में आयोजित किया गया। इसका शुभारंभ मुख्य अतिथि व नैनीताल विधायक सरिता आर्य ने किया। संविदा कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर विधायक के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा। विधायक सरिता ने कहा कि वह अपने स्तर से संविदा कर्मचारियों की समस्याओं को शासन तक पहुंचाऊंगी। कर्मचारियों का कहना है कि हाईकोर्ट व औद्योगिक न्यायाधिकरण के नियमों के अनुसार उपनल के कर्मचारियों को नियमित व ऊर्जा निगम में काम कर रहे सभी कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन, महंगाई भत्ता, संविदा कर्मियों को वर्ष में दो बार महंगाई भत्ता, परिवर्तनीय महंगाई भत्ता दिया जाना है। अधिवेशन में मीटर रीडिंग, कैश कलेक्शन बिलिंग का कार्य, लाइनों व बिजलीघरों के निजीकरण की कार्यवाही को निरस्त करने, उपनल के माध्यम से नियुक्त संविदा कर्मचारियों के स्थानांतरण पर लगी रोक को हटाने, उपनल के माध्यम से संविदा कर्मचारियों को रियायती दरों पर 300 यूनिट बिजली देने, महिला संविदा कर्मियों को मातृत्व अवकाश अवकाश देने, एसएसओ लाइनमैन मीटर रीडिंग का कार्य करने वालों को मोबाइल फोन की सुविधा देने, मेडिकल सुविधा देने, संविदा कर्मियों को बिजली दुर्घटना में मृत्यु पर परिवार को 10 लाख का मुआवजा सहित कई अन्य मांगें भी रखी गईं। इस दौरान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कवि ने कहा कि संविदा कर्मचारी काफी बुरे हालात में काम कर रहे हैं। सरकार निजीकरण तो कर रही है, पर कर्मचारी हितों की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कार्यक्रम में इंटेक के राष्ट्रीय महासचिव लवी चिलवल, मनोज पंत, प्रेम भट्ट, विक्रम रावत, कंचन जोशी, रमेश बिष्ट, योगिता भाकुनी, गोपाल गोस्वामी, लाल सिंह गोसाई, मनोज पांडे, रवि चौहान समेत प्रदेश भर से आए कई अन्य लोग मौजूद रहे।

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