उत्तराखंड में बिजली संकट, मांग और उपलब्धता में 11 मिलियन यूनिट तक का अंतर

Spread the love

देहरादून। उत्तराखंड में कुछ दिन शांति के बाद बिजली का संकट दोबारा खड़ा हो गया है। प्रदेश में बिजली की मांग और उपलब्धता में 11 मिलियन यूनिट तक का अंतर आ गया है। इससे शुक्रवार को ग्रामीण क्षेत्रों में तीन घंटे व उद्योगों में दो घंटे तक की कटौती तय मानी जा रही है। रियल टाइम मार्केट में बिजली उपलब्ध न होने पर ये कटौती और भी बढ़ सकती है।
उत्तराखंड में बीते 15 दिन से बिजली का संकट बना था। बीच के दो-तीन दिन स्थिति सामान्य रही, पर अब फिर स्थिति खराब हो गई है। बिजली की मांग 41 मिलियन यूनिट प्रतिदिन तक पहुंच गई है जबकि इसकी तुलना में उपलब्धता 30 मिलियन यूनिट पर ही सिमट गई है। 11 मिलियन यूनिट का यह अंतर बाजार से बिजली खरीदकर पूरा करने के प्रयास हैं। इसके बाद भी संकट बना हुआ है। खुले बाजार में 12 रुपये प्रति यूनिट के अधिकतम रेट पर भी बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है। देशभर में गर्मी बढ़ने के चलते खुले बाजार में भी बिजली का संकट बना है।
यूपीसीएल आमजन को बिजली संकट से निजात दिलाने को रियल टाइम मार्केट पर निर्भर है। यहां से भी बिजली न मिलने पर रोस्टिंग करनी पड़ रही है। बिजली की मौजूदा स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को राज्य के अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों व उद्योगों में बिजली कटौती तय है।
यूपीसीएल को चेतावनी रू बिजली संकट पर नर्दन रीजन लोड डिस्पैच सेंटर की नजर बनी हुई है। ग्रिड में फ्रिक्वेंसी कम बनी हुई है। ओवरड्रा करने पर तत्काल नोटिस जारी किए जा रहे हैं। यूपीसीएल को अभी तक तीन नोटिस जारी किए जा चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *