इलेक्ट्रोहोम्यापैथी मेडिकल एसोसिएशन ने स्थापित की र्केसर रिसर्च यूनिट
र्केसर के उपचार मे इलेक्ट्रोहोम्योपैथी का कोई विकल्प नहीं-डा़केपीएस चौहान
हरिद्वार। बाला जी इंस्टीट्यूट अफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस में ईएमए द्वारा अधित र्केसर रिसर्च सेंटर यूनिट की स्थापना की गयी। जिसका उदघाटन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के प्रतिनिधी मुकेश कौशिक, बायोम फार्मा की र्केसर रिसर्च यूनिट के डायरेक्टर डा़नीलेश थावरे, ईएमए राष्ट्रीय अध्यक्ष डा़केपीएस चौहान, पार्षद पिंकी चौधरी, पार्षद सपना शर्मा, विधायक आदेश चौहान के प्रतिनिधि एवं पार्षद विनीत चौहान, समाज सेवी एवं प्रदेश भाजपा सदस्य डा़विशाल गर्ग, राष्ट्रीय महामंत्री डा़एनएस ताकुली, उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष डा़मुकेश चौहान, इंस्टीट्यूट की प्राचार्या डा़वीएल अलखनिया, ईएमए के लीगल एडवाइजर कुशल पाल सिंह चौहान ने संयुक्त रुप से फीता काट कर किया।
इस अवसर पर डा़केपीएस चौहान ने बताया कि उत्तराखंड में यह पहला इलेक्ट्रोहोम्योपैथी र्केसर रिसर्च सेंटर खुला है। जिसमें शरीर के किसी भी भाग में रसोली, ट्यूमर, पथरी, र्केसर के मरीजों का उपचार बिना सर्जरी के इलेक्ट्रोहोम्योपैथी औषधीयों से करने के साथ रिसर्च कार्य किया जायेगा। डा़चौहान ने कहा कि र्केसर के उपचार मे इलेक्ट्रोहोम्योपैथी का कोई विकल्प नहीं है तथा इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा अधिक कारगर एवं सुरक्षित है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के प्रतिनिधि मुकेश कौशिक ने कहा कि बालाजी इंस्टीट्यूट अफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस में स्थापित किए गए इलेक्ट्रोहोम्योपैथी र्केसर रिसर्च सेंटर यूनिट का लाभ उत्तराखंड की जनता को मिलेगा और र्केसर जैसी भयंकर बीमारी से मृत्यु दर मे कमी आयेगी।
बायोम फार्मा र्केसर रिसर्च यूनिट के डायरेक्टर डा़नीलेश थावरे ने कहा कि र्केसर से डरना नहीं चाहिए, र्केसर का इलाज संभव है। र्केसर में शरीर की कोशिकाओं में असामान्य वृद्घि होकर रसोली या ट्यूमर बन जाता है। शरीर के किसी अंग में असामान्य सूजन या कड़ापन, तिल मस्से के आकार या रंग मे परिवर्तन, ना भरने वाला घाव नासूर, लगातार बुखार या वजन में कमी, चार सप्ताह से अधिक समय तक अकारण दर्द या टीस होना आदि र्केसर होने का संकेत होता है। इस अवसर पर अविनेश कौशिक, डा़एसपी चमोली, विजय साहनी, घनश्याम यादव, हरिसिंह शेखावत, एड़शिव कुमार शर्मा, बीबी कुमार, एमटी अंसारी, दीपक चौहान, नवीन चौहान आदि उपस्थित रहे।