ग्राम धौड़ा वल्ला में हाथियों का आतंक, केले के पेड़ किए तबाह

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कोटद्वार तहसील क्षेत्र हो अथवा लैंसडौन तहसील क्षेत्र, हाथियों के आतंक से आमजन त्रस्त है। लैंसडौन तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम धौड़ा वल्ला में पिछले पंद्रह दिनों में हाथियों ने ग्रामीणों की केले की पूरी फसल तबाह कर दी है। हालात यह हैं कि क्षेत्र में केले का गांव नाम से प्रसिद्ध इस गांव में आज केले के सैकड़ों पेड़ हाथियों ने तोड़ दिए हैं। ग्रामीणों की ओर से लगातार वन महकमे को सूचना दी जा रही है। लेकिन, महकमा सुध लेने को तैयार नहीं।
गुलदार, बंदर व जंगली सुअरों के आतंक से त्रस्त पर्वतीय वाशिंदों के लिए अब हाथी नई मुसीबत बन गए हैं। लैंसडौन तहसील के अंतर्गत ग्राम धौड़ा वल्ला पहुंचे हाथियों के झुंड ने गांव में केले की फसल तबाह कर दी। ग्राम धौड़ा वल्ला निवासी प्रकाश चंद्र गौड़ ने बताया कि उनके गांव में ढाई हजार से अधिक केले के पेड़ हैं, जिनमें से अधिकांश पेड़ों को हाथियों ने बर्बाद कर दिया है। बताया कि पिछले पंद्रह दिनों से हाथियों का झुंड गांव में तबाही मचाए हुए हैं। लेकिन, वन विभाग सुध लेने को तैयार नहीं। बताना जरूरी है कि ग्राम धौड़ा वल्ला गांव के निचले हिस्से में कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग का जंगल है। माना जा रहा है कि इसी जंगल से निकल कर हाथी सिरोबाड़ी, ढौंटियाल से होते हुए धौड़ा वल्ला तक पहुंचे हैं। हालांकि, धौड़ा वल्ला गांव कालागढ़ टाइगर रिजर्व की पलेन रेंज से लगा हुआ है व गढ़वाल वन प्रभाग की पोखड़ा रेंज के अंतर्गत आता है। कालागढ़ टाइगर रिजर्व की पलेन रेंज के वन क्षेत्राधिकारी अमोल ईष्टवाल ने बताया कि हाथियों के द्वारा ग्रामीणों की केले की फसल को नुकसान पहुंचाया गया है। इधर, लैंसडौन वन प्रभाग की लैंसडौन डिवीजन के वन क्षेत्राधिकारी राकेश शाह ने बताया कि प्रभावित गांव कालागढ़ टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है। बताया कि रेंज की ओर से प्रभावित गांव में लगातार गश्त करवाई जा रही है।

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