आशारोड़ी से रिस्पना पुल तक नदी के ऊपर बनेगी एलिवेटेड रोड
देहरादून। नए साल में दून शहर की सबसे बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है। इसके लिए शहर में बरसाती नदियों के ऊपर एलिवेटेड सड़कों पर काम शुरू हो सकता है। इसमें बिंदाल नदी पर आईएसबीटी से मैक्स अस्पताल और रिस्पना से नागलसेतू तक एलिवेटेड रोड बनाने का डिजाइन तैयार हो चुका है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के आशारोड़ी से रिस्पना तक भी नदी के उफर एलिवेटेड रोड बनाने की कवायद सरकार ने शुरू कर दी है। 14 दिसंबर को शासन स्तर पर हुई बैठक में इसका जिम्मा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को दिया गया है। एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही एलिवेटेड रोड का सर्वे शुरू कर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। क्लेमनटाउन और मोथरोवाला क्षेत्र को जोड़ने हुए यह रोड सात किलोमीटर की होगी। ईई पीडब्ल्यूड़ी प्रांतीय खंड डीसी नौटियाल का कहना है कि हमारे पास दो एलिवेटेड सड़कों का काम है। दोनों की फिजिबिलिटी रिपोर्ट और डिजाइन तैयार करने काम अंतिम चरण में है। 31 दिसंबर तक इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगी।
आशारोड़ी से ऐसे बनेगी एलिवेटेड रोडरू एलिवेटेड रोड आशारोड़ी से नागलसेतू तक बनेगी। करीब 18 किमी की इस सड़क का रिस्पना से लेकर नागलसेतु तक का डिजाइन तैयार हो चुका है, जो रिस्पना से राजीवनगर चौक, चूनाभट्टा, आईटी पार्क होते हुए नागलसेतू तक जाएगी। इसका काम पीडब्ल्यूड़ी प्रांतीय खंड के पास है। आशारोड़ी से रिस्पना तक सर्वे शुरू होना है।
बिंदाल नदी पर यहां बनेगी सड़करू बिंदाल नदी पर आईएसबीटी के पास से एलिवेटेड रोड शुरू होगी। यहां से लालपुल चौक, कांवली पुल, बिंदाल तिराह से मैक्स अस्पताल तक पहुंचेगी। इस सड़क की कुल लंबाई 15 किलोमीटर है। इस काम का जिम्मा पीडब्ल्यूड़ी प्रांतीय खंड के पास है।शहर को जाम से मिलेगी मुक्तिरू एलिवेटेड सड़कें बनने से देहरादून में जाम की समस्या दूर हो जाएगी। आशारोड़ी से नागलसेतू तक नदी के ऊपर एलिवेटेड सड़क बनने से बाहरी प्रांतों से मसूरी आने वाले पर्यटकों को भी बड़ी सुविधा होगी। पर्यटक सीधे एलिवेटेड सड़क से आवाजाही कर सकेंगे, उनको शहर के भीतर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
शहर के चारों तरफ बनेगी रिंग रोडरू शहर के चारों तरफ रिंग रोड बनाने की योजना भी है। रिंग रोड दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस के आशारोड़ी से शुरू होगी और झाझरा जाएगी। यहां से शहर के चारों ओर घूमकर वापस आशारोड़ी में मिलेगी। एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार आशारोड़ी से झाझरा तक भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो गया। बाकी क्षेत्र में लिए एनएचएआई ने तीन विकल्प देकर समरेखण किया है। नए साल में इस योजना को भी मंजूरी मिल सकती है।