भूमि पर अवैध कब्जे के खिलाफ भड़के कर्मचारी

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शिब्बूनगर स्थित जल निगम यांत्रिक शाखा की भूमि पर कब्जे का आरोप
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत शिब्बूनगर स्थित जल निगम यांत्रिक शाखा की भूमि पर एक व्यक्ति द्वारा अवैध कब्जा किए जाने के विरोध में उत्तराखंड पेयजल निगम अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति भड़क उठी। कर्मचारी व अधिकारियों ने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन देते हुए पूरे प्रकरण की जांच करवाने की मांग की है। कहा कि यदि जल्द इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो कर्मचारी-अधिकारी एकजुट होकर आंदोलन करेंगे। इस दौरान कर्मचारियों ने भूमि पर कब्जा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ भी प्रदर्शन किया।
उपजिलाधिकारी को दिए पत्र में कर्मचारी व अधिकारियों ने बताया कि दो दिन के अवकाश के बाद जब वह सोमवार को जल निगम यांत्रिक शाखा का कार्यालय में पहुंचे तो सड़क किनारे खाली पड़ी विभाग की भूमि का गेट टूटा हुआ था। कर्मचारियों ने जब गेट के अंदर देखा तो वहां एक दीवार का निर्माण करवाया गया था। कर्मचारियों ने मौके पर एकत्रित होकर क्षेत्र के एक व्यक्ति पर भूमि कब्जा करने का आरोप लगाया। उत्तराखंड पेयजल निगम अधिकारी-कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि अस्सी के दशक में एक व्यक्ति ने शिब्बूनगर (सुखरौ) में 0.470 हेक्टेयर भूमि पेयजल निगम शाखा कोटद्वार को दान दी थी। नब्बे के दशक में दानदाता के परिवार के एक सदस्य ने जल निगम पर दान की गई भूमि से अधिक भूमि कब्जाने का आरोप लगाते हुए न्यायालय में वाद दायर कर दिया था। बताया कि 1997 में उच्चतम न्यायालय ने जल निगम के पक्ष में अपना फैसला सुनाया। बावजूद, इसके न्यायालय में वाद दायर करने वाले व्यक्ति की ओर से लगातार भूमि पर कब्जे का प्रयास किया जा रहा है। यांत्रिक शाखा के अधिशासी अभियंता सुनील कुमार ने बताया कि 25 दिसंबर को उक्त व्यक्ति ने मजदूरों को भेज विभाग की ओर से की गई दीवार को भी तोड़ दिया। घटना की तहरीर उन्होंने पुलिस को भी दी है। इस मौके पर प्रवीन सिंह रावत, बीएस रावत, जीसी ध्यानी, दिनेश डबराल, राजेंद्र सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे

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