अमृत सरोवरों के माध्यम से रोजगारपरक गतिविधियां होंगी सृजित
अल्मोड़ा। मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे के नेतृत्व में जिले के अमृत सरोवरों को पुनर्जीवित करने और उन्हें ग्रामीण विकास का केंद्र बनाने का एक अभिनव प्रयास शुरू किया गया है। शनिवार को विकास भवन सभागार में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में इस संबंध में विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि जिले के सभी अमृत सरोवरों को उनके स्थान और संभावित उपयोगिता के आधार पर विभिन्न विभागों को सौंपा जाएगा, जिससे संबंधित विभाग उसमे अन्य रोजगारपरक गतिविधियों को संचालित कर सकें। मत्स्य विभाग, पर्यटन विभाग, उद्यान विभाग, लघु सिंचाई विभाग, लघु उद्योग विभाग और वन विभाग को इन सरोवरों के रखरखाव और विकास की जिम्मेदारी दी गई है। अमृत सरोवरों को पुनर्जीवित कर उन्हें ग्रामीण विकास का केंद्र बनाए जाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। पर्यटन, मत्स्य पालन, उद्यानिकी समेत अन्य गतिविधियों के लिए सरोवरों का विकास कर स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया जाएगा। इसके अलावा अमृत सरोवरों के माध्यम से जल संरक्षण को बढ़ावा भी दिया जा सकेगा। मुख्य विकास अधिकारी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभाग अपने-अपने हिस्से के सरोवरों का सर्वेक्षण करेंगे और उनकी मरम्मत और विकास के लिए विस्तृत योजनाएँ तैयार करेंगे।
जिला प्रशासन इन योजनाओं को लागू करने में पूरा सहयोग करेगा। स्थानीय समुदायों को भी सरोवरों के संरक्षण और उपयोगिता में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सीडीओ आकांक्षा कोंडे ने कहा अमृत सरोवर सिर्फ पानी के स्रोत नहीं हैं, बल्कि ये हमारे गांवों की संस्कृति और परंपरा से जुड़े हुए हैं। इन सरोवरों को पुनर्जीवित करके हम जल संरक्षण के साथ-साथ ग्रामीण विकास को भी बढ़ावा दे सकते हैं। यह पहल हमारे जिले के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। बैठक में अधिशासी अभियंता जल संस्थान अरुण कुमार सोनी, जल निगम समीर प्रताप, जिला समन्वयक दीपक जोशी समस्त खंड विकास अधिकारी एवं अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।