नोटिस थमाकर भूला सिस्टम, नासूर बना अतिक्रमण

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उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी नहीं हटाया गया अतिक्रमण
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : उच्च न्यायालय के आदेश पर किस तरह खानापूर्ति की जाती है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण जिला परिषद मार्केट में देखने को मिल रहा है। जहां न्यायालय के आदेश के बाद जिला पंचायत पौड़ी ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस तो थमाए। लेकिन, धरातल पर अतिक्रमण हटाने की जहमत तक नहीं उठाई। नतीजा, अतिक्रमण के कारण संकरी हुई मार्केट की सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है। जबकि, पूर्व में शहरवासी कई बार मार्केट को अतिक्रमण मुक्त करवाने की मांग भी उठा चुके हैं।
करीब एक वर्ष पूर्व उच्च न्यायालय ने समस्त विभागों को अपनी नजूल भूमि से अतिक्रमण हटवाने के आदेश दिए थे। इसके बाद दिसंबर 2023 में जिला पंचायत पौड़ी ने जिला परिषद मार्केट के पचास अतिक्रमणकारियों को नोटिस थमाया था। नोटिस में एक सप्ताह के भीतर अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए गए थे। लेकिन, एक वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया। यही नहीं, जिला पंचायत पौड़ी भी नोटिस की खानापूर्ति कर गहरी नींद में सो गया। नतीजा, मार्केट में जगह-जगह सड़क पर पसरा अतिक्रमण आमजन के लिए नासूर बनता जा रहा है। कई व्यापारियों ने सड़क पर ही दुकानें सजाई हुई है। ऐसे में पैदल चलने वाले लोगों को हर समय दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है।
आए दिन होता है विवाद
जिला परिषद मार्केट में सड़क के दोनों ओर दुकानें सजी हुई है। ऐसे में दोपहिया वाहन पार्क करना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। पर्याप्त रास्ता नहीं मिलने के कारण कई बार विवाद की स्थिति बनी रहती है। यही नही मार्ग पर लंबा जाम लगने के बाद भी अतिक्रमणकारी अपना सामान हटाने तक की जहमत नहीं उठाते। पूर्व में शहरवासियों ने समस्या से उपजिलाधिकारी सहित अन्य उच्चाधिकारियों को भी अवगत करवाया था। लेकिन, अधिकारी भी जनसमस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे।

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