पर्यावरण मित्रों ने समस्याओं को लेकर मेयर को भेजा ज्ञापन, आंदोलन की दी चेतावनी

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अल्मोड़ा। नगर निगम अल्मोड़ा के पर्यावरण मित्रों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर नगर निगम प्रशासन के प्रति नाराजगी जताई और महापौर को एक ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में उन्होंने वेतन भुगतान में देरी, उपकरणों की कमी, स्थायी नगर आयुक्त की नियुक्ति और पार्षदों के परिजनों की मनमानी जैसे मुद्दों को उठाया है। चेतावनी दी गई है कि यदि 5 जुलाई तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो 7 जुलाई से आंदोलन शुरू किया जाएगा। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि 3 जुलाई को देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ की शाखा बैठक आयोजित की गई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि कर्मचारियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है, जिससे उनमें भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने मांग की कि पूर्व बोर्ड की तरह हर माह की 5 तारीख तक वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया जाए। पर्यावरण मित्रों ने यह भी कहा कि उन्हें झाड़ू, फावड़े, पंजर जैसे सफाई उपकरण समय पर उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं, जिससे उन्हें कार्य करने में परेशानी हो रही है। साथ ही, नगर निगम में स्थायी नगर आयुक्त और लेखा अधिकारी की अनुपस्थिति के कारण वित्तीय व प्रशासनिक कार्यों में लगातार दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने मांग की कि जब तक स्थायी नियुक्ति नहीं होती, तब तक सहायक नगर आयुक्त को कार्यवाहक के रूप में आवश्यक वित्तीय अधिकार दिए जाएं। ज्ञापन में यह आरोप भी लगाया गया है कि कुछ पार्षदों के परिजन कर्मचारियों पर दबाव बनाकर उन्हें कार्य क्षेत्र से हटाकर अन्य कार्य करवा रहे हैं, जो अस्वीकार्य है। कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि केवल पार्षद ही उनसे कार्य लेने के अधिकृत हैं, पारिवारिक सदस्य नहीं। बैठक में संघ के प्रदेश महामंत्री राजपाल पवार ने कहा कि यदि 5 जुलाई तक समस्याओं का समाधान नहीं होता, तो 7 जुलाई से संघ के पदाधिकारी धरना-प्रदर्शन शुरू करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी नगर निगम बोर्ड की होगी। इस दौरान शाखा अध्यक्ष दीपक चंदेल, महासचिव राजेश टाक, जिलाध्यक्ष दीपक शैलानी, उपाध्यक्ष सतीश कुमार, कोषाध्यक्ष राजेंद्र पवार, सचिव घनश्याम, अनील कुमार, दीपचंद पप्पू और महेश समेत कई कर्मचारी उपस्थित रहे।

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