पर्यावरण मित्रों ने शहर में निकाली पुतले की शव यात्रा

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दशकों से निगम में सेवाएं दे रहे पर्यावरण मित्र को हटाए जाने पर रोष
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : पिछले कई दशकों से नगर निगम में सेवाएं दे रहे पर्यावरण मित्र को हटाए जाने पर पर्यावरण मित्रों ने रोष व्यक्त किया है। इस दौरान पर्यावरण मित्रों ने सड़क पर प्रदर्शन करते हुए महापौर के पुतले की शव यात्रा निकाली। कहा कि पर्यावरण मित्रों की अनदेखी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि जल्द पर्यावरण मित्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वह आंदोलन को मजबूर होंगे।
शुक्रवार को देवभूमि निकाय संयुक्त कर्मचारी महासंघ के बैनर तले कर्मचारी मालवीय उद्यान में एकत्रित हुए। यहां से उन्होंने सड़क पर प्रदर्शन करते हुए पुतले की शव यात्रा निकाली। साथ ही महापौर कार्यालय के बाहर पहुंचकर पुतले को आग के हवाले कर दिया। कहा कि पर्यावरण मित्र पूरी ईमानदारी के साथ अपने कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं। बाजूवद इनका शोषण किया जा रहा है। कहा कि पिछले 14 वर्षों से सेवाएं दे रहे पर्यावरण मित्रों को हटाया जाना न्याय संगत नहीं है। कहा कि पर्यावरण मित्रों के पास कूड़ा रिक्शा अथवा गाड़ी नहीं है। ऐसे में उन्हें बोरों व टोकरे से कूड़ा उठाना पड़ता है। कहा कि क्षेत्र में कूड़ेदान हटा दिया गए हैं, जिस कारण कर्मियों की ओर से उठाए गए कूड़े को उठाने में परेशानी होती है। आरोप लगाया कि 2007 में स्थाई पर्यावरण मित्रों का ईपीएफ का पैसा गुमराह कर काटा गया है। वह पैसा अभी तक खातों में नहीं आया है। कहा गया कि पिछले चार वर्षों से स्वच्छता समिति व आउटसोर्स पर्यावरण मित्रों को दीपावली का बोनस नहीं दिया गया है। मांग की गई कि पर्यावरण मित्रों को एक दिन का अवकाश देने, शहर में बंदर व गाय पकड़ने का कार्य पर्यावरण मित्रों से न करवाने की मांग गई। इस मौके पर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय बन्नू सूद, इकाई अध्यक्ष महेंद्र सिंह घाघट, उपाध्यक्ष विनोद खत्री, सचिव वीरेंद्र सिंह ढींगिया, दिलेंद्र गोडियाल, धीरज गोडियाल, राजू वैद्य, रीना देवी, मंजू देवी, जीतेंद्र गोडियाल सहित अन्य पर्यावरण मित्र शामिल रहे।

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