अल्मोड़ा नगर निगम में आरक्षण बदलने से प्रत्याशियों के बदले समीकरण

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अल्मोड़ा। नगर में सोमवार को दिन भर बादल छाए रहे, मौसम ठंडा रहा लेकिन शाम को नगर निगम में आरक्षण की स्थिति बदलने पर माहौल गरम हो गया। साथ ही अल्मोड़ा में आरक्षण की स्थिति बदलने से मेयर पद का सपना देख रहे कई संभावित प्रत्याशियों के समीकरण गड़बड़ा गए हैं। कई प्रत्याशियों ने अपना टिकट पक्का मानते हुए प्रचार-प्रसार तक शुरू कर दिया था। अलबत्ता अब दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में हलचल तेज हो गई है। शाम से नगर में आरक्षण की स्थिति बदलने से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया, लोग चौक-चौराहों पर संभावित प्रत्याशी के नाम के कयास लगाते नजर आए। पूर्व में कई लोग सामान्य सीट से मेयर का चुनाव लड़ने का सपना संजोए हुए थे लेकिन सरकार ने अल्मोड़ा नगर निगम की सीट महिला आरक्षित कर दी, जिसके बाद सामान्य सीट से दावेदारी रख रहे प्रत्याशी किनारे हो गए और कई महिला दावेदार सामने निकलकर आई और दावेदारी पेश की। लेकिन सोमवार को संशोधित अधिसूचना जारी होने के बाद एक बार फिर से मेयर सीट के लिए दावेदारी का सपना संजोए बैठी महिलाओं के सपने चकनाचूर हो गए। कई महिला दावेदारों ने तो टिकट घोषित होने से पहले ही दावेदारी ठोकते हुए प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया था लेकिन उनके सपने धरे रहे गए और मेहनत जाया हो गई। सोमवार अपराह्न जब नगर निगमों में संशोधित आरक्षण की घोषणा जारी हुई तो मेयर बनने का ख़्वाब देख रही महिलाओं और उनके समर्थकों के पैरों तले जमीन खिसक गई। किसी ने भी नहीं सोचा था कि सीटों के आरक्षण में इस तरह का उलटफेर हो जाएगा। अब गौर करने वाली बात है कि जहां पार्टियों में महिला सीट को लेकर दावेदारी हो रही थी और पर्यवेक्षकों ने कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की थी वहीं अब सीट के महिला के स्थान पर ओबीसी आरक्षित होने के बाद एक बार फिर से टिकट के दावेदारों पर चर्चा करना आवश्यक हो जाता है। शहरी विकास निदेशालय से जारी अधिसूचना के अनुसार 27 दिसंबर से 30 दिसंबर तक नाम निर्देशन पत्र लेने की अवधि निर्धारित की गई है ऐसे में पार्टी पर प्रत्याशियों के चयन का दबाव रहेगा। बहरहाल समय जितना भी बचा हो लेकिन हालात को देखते हुए पार्टियां समय से प्रत्याशी घोषित कर देंगी।

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