फिल्म जन्नत 2 से धमाकेदार डेब्यू करने के बाद अब ईशा गुप्ता को बॉलीवुड में 13 साल पूरे हो चुके हैं। इन सालों में ईशा ने खुद को एक बहुमुखी अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया है। हाल ही में बॉम्बे टाइम्स से बातचीत में ईशा ने अपने इस सफर को एक ऐसे रोलरकोस्टर की तरह बताया, जिसमें बहुत सारा सीखना, बढ़ना और नए अनुभव शामिल रहे। अपने काम के प्रति बदले नज़रिए पर ईशा कहती हैं, वक़्त के साथ चीज़ें बदल गई हैं और मेरा नज़रिया भी। पहले मैं स्क्रिप्ट के बारे में सोचती थी, लेकिन अब मेरा ध्यान सिफ़र् किरदार और डायरेक्टर की सोच पर होता है। एक साधारण कहानी भी सही फ़िल्ममेकर के हाथों में मास्टरपीस बन सकती है। अगर मेरा रोल सिर्फ दो मिनट का हो, तब भी मैं उसे पूरी मेहनत से करती हूं, क्योंकि राइटर ने वो किरदार मेरे लिए लिखा है। गौरतलब है कि फिल्मों में अपने किरदारों के अलावा ईशा मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को लेकर भी काफी जागरूक हैं। बिना किसी लाग-लपेट के वह कहती हैं, इसमें कोई शक नहीं है कि आज भी हमारे देश में मेंटल थेरेपी को गलत नज़र से देखा जाता है, जबकि हकीकत यह है कि एक स्वस्थ दिमाग ही थेरेपी का चुनाव करता है। हममें से ज़्यादातर लोग थेरेपी के लिए इसलिए जाते हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि ये हमारी बेहतरी के लिए है, जबकि जिन्हें इसकी ज़रूरत है, वे कभी जाते ही नहीं। सच खून, तो मुझे आगे बढ़ने में मेरी थेरेपी ने बहुत मदद की है। मैं हमेशा कहती हूं कि अगर आपके पास पैसा है, तो उसे अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर खर्च करो और उसे स्वस्थ रखो, क्योंकि इनके बिना बाकी सब बेकार है।
जहां तक ईशा के अगले प्रोजेक्ट की बात है, ईशा जल्द ही धमाल 4 में अजय देवगन के साथ नज़र आएंगी। उन्होंने हाल ही में इस बहुप्रतीक्षित फिल्म की शूटिंग पूरी की है, जो ईद 2026 पर बड़े स्तर पर रिलीज़ होगी।
इसमें दो राय नहीं है कि जन्नत 2 से लेकर अब तक ईशा ने बतौर अभिनेत्री खुद को बार-बार तराशते हुए एक कलाकार बनने का सफर तय किया है और उनका यह सफर सिर्फ पर्दे पर ही नहीं, बल्कि पर्दे के बाहर भी जुनून, लगन और आत्मविकास की प्रेरणादायक कहानी है।