निगम बनने के बाद भी भाबर की अनदेखी : नहीं जलाए जा रहे अलाव
लगातार बढ़ रही ठंड के बाद भी भाबर की सुध नहीं ले रहा निगम
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : पांच वर्ष पूर्व शहर के बेहतर विकास के सपने के साथ कोटद्वार को नगर निगम बनाया गया था। इसमें सबसे बड़ी आबादी वाले भाबर क्षेत्र को शामिल किया गया। लेकिन, नगर निगम बनने के बाद भी भाबरवासी निगम की योजनाओं से वंचित हैं। हालत यह है कि लगातार बढ़ रही ठंड में बाजार के मुख्य चौराहों पर तो अलाव जल रहे हैं। लेकिन, अलाव की गर्माहट अब तक भाबर क्षेत्र में नहीं पहुंच पाई है। जबकि, भाबर क्षेत्र में निगम की सबसे अधिक जनसंख्या रहती है।
गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार में लगतार ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। बावजूद इसके नगर निगम की अलाव योजना केवल बाजार क्षेत्र तक ही सिमटी हुई है। मालूम हो कि पांच वर्ष पूर्व शासन ने नगर पालिका का विस्तार करते हुए कोटद्वार को नगर निगम का गठन किया। चालीस वार्डों के इस नगर निगम में सबसे अधिक आबादी भाबर क्षेत्र में रहती है। निगम गठन के दौरान सभी वार्डवासियों को समान सुविधाओं का लाभ देने का आश्वासन भी दिया गया। लेकिन, नगर निगम की सुविधाएं बाजार क्षेत्र से बाहर नहीं निकल पा रही है। हालत यह है कि ठंड का सितम बढ़ने के साथ ही बाजार क्षेत्र के मुख्य चौराहों पर अलाव तो जला दिए गए। लेकिन, अब तक अलाव की गर्माहट भाबर क्षेत्र में नहीं पहुंची। भाबर वासियों ने कहा कि नगर निगम भाबर क्षेत्र के साथ भेदभाव कर रहा है। भाबर क्षेत्र के सिडकुल स्थित जशोधरपुर औद्योगिक क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रमिक काम करते हैं। साथ ही कई बेसहारा व्यक्ति भी सड़क पर अपनी रात गुजारते हैं। ऐसे में नगर निगम को भाबर क्षेत्र के मुख्य चौराहों पर भी अलाव की व्यवस्था करनी चाहिए। कहा कि उन्होंने इस संबंध में बुधवार को नगर आयुक्त से मुलाकात की उन्होंने जल्द ही अलाव की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है।
नहीं दिखी धूप
कोटद्वार शहर में ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को जहां हल्की धूप दिख रही थी। वहीं बुधवार को शहर में पूरे दिन धुंध छाई रही। लोगों ने ठंड से बचाव के लिए अलाव का सहारा लिया। ठंड के कारण आमजन का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल होता जा रहा है।
पहाड़ों मेें खिली धूप
एक ओर जहां मैदानी क्षेत्र में ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में गुनगुनी धूप खिली हुई है। ग्रामीणों ने अपनी घरों के बाहर बैठकर धूप का आनंद लिया। हालांकि पहाड़ों में सुबह-शाम ठंड अपना कहर दिखा रही है। धूप खिलने पर ही ग्रामीणों को ठंड से राहत मिल रही है।