बुलाएं तो भी नहीं जाऊंगी, उनके बगल में बैठना पाप; राज्यपाल बोस पर बरसीं ममता

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हुगली । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को राज्यपाल सी वी आनंद बोस पर लगे छेड़खानी के आरोपों को लेकर उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि उनको यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्हें पद से इस्तीफा क्यों नहीं दे देना चाहिए। हुगली लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार रचना बनर्जी के समर्थन में यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जब तक बोस राज्यपाल बने रहेंगे तब तक वह राजभवन के अंदर कदम नहीं रखेंगी। ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपास के बलग में बैठना तक पाप है।
इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे राज्यपाल: ममता बनर्जी
तृणमूल प्रमुख ने कहा, ह्यह्यराज्यपाल कहते हैं कि ह्यदीदीगीरीह्ण बर्दाश्त नहीं की जाएगी…लेकिन, श्रीमान राज्यपाल मैं कहती हूं कि आपकी ह्यदादागीरीह्ण अब काम नहीं करेगी।ह्णह्ण उन्होंने कहा कि बोस को साफ करना चाहिए कि उनके खिलाफ इस तरह के आरोप लगाए जाने के बाद उन्हें इस्तीफा क्यों नहीं देना चाहिए।
राज्यपाल बोस पर महिला ने लगाया उत्पीड़न का आरोप
राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने पिछले हफ्ते कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि बोस ने 24 अप्रैल और दो मई को राजभवन में उसके साथ छेड़खानी की थी। बोस ने अपने खिलाफ लगाए गए छेड़छाड़ के आरोपों पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए नौ मई को राजभवन की कई सीसीटीवी फुटेज दिखाई थीं। मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्यपाल ने एक संपादित वीडियो जारी किया। मैंने पूरी फुटेज देखी और इसकी सामग्री स्तब्ध करने वाली है। मुझे एक और वीडियो मिला है… आपका आचरण शर्मनाक है।”
महिला की मांग- राष्ट्रपति मामले में हस्तक्षेप करें
कथित छेड़छाड़ के आरोपों को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस द्वारा कई सीसीटीवी फुटेज दिखाये जाने की घटना के एक दिन बाद शिकायतकर्ता महिला ने शुक्रवार को कहा कि वह इस मामले में राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग करेगी। कर्मचारी ने असंपादित फुटेज को सार्वजनिक रूप से दिखाए जाने पर आपत्ति जताई, जिसमें कथित तौर पर उसकी पहचान का खुलासा किया गया था, क्योंकि फुटेज में उसका चेहरा धुंधला नहीं किया गया था।

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