पिथौरागढ़। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में 11 साल बाद मई माह में बर्फबारी हुई है।जिससे इस पूरे क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बर्फबारी के बाद माइग्रेशन गांवों में ठंड लोगों को परेशान कर रही है। यहां समुद्र सतह से 12 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मई में 11 साल बाद हुई बर्फबारी ने ठंड को बढ़ा दिया है। क्षेत्र के पंचाचूली, राजरंभा, हसलिंग, छिपलाकेदार, नंदादेवी आदि क्षेत्रों में बर्फबारी पिछले 10 घंटे से रुक-रुक कर जारी है। इससे क्षेत्र में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। नंदा देवी बेस कैंपा में तापमान माइनस 2 डिग्री पहुंच गया है। मिलम में इस समय न्यूनतम तापमान 1 डिग्री पहुंच गया है। इन क्षेत्रों में एक से तीन इंच तक हिमपात हुआ है। लोगों के अनुसार वर्ष 2013 में 11 साल पहले मई में बर्फबारी हुई थी। मई के महिने में यहां इतनी ठंड कभी नहीं पड़ती थी। पहली बार पड़ रही ठंड के कारण इंसानों के साथ ही पशु भी परेशान हैं। खेतों में काम की जगह हम आग के सामने बैठने को मजबूर हैं। – प्रेम सिंह, पशुपालक मिलम।
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मई माह में इस तरह की बफबारी 11 साल पहले 2013 में हुई थी। इससे ठंड बहुत बढ़ गई है। इससे मई में जनवरी जैसी ठंड का सामना करना पड़ रहा है।
– इन्द्र सिंह, मिलम कारोबारी
प्रकृति के दोहन और छेड़छाड़ के कारण इस तरह के परिवर्तन नजर आ रहे हैं। हमें प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाने के लिए काम करना होगा। इससे इस तरह के परिवर्तनों से बचा जा सके। – डॉ.एनसी जोशी, वरिष्ठ वैज्ञानिक,उत्तराखण्ड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद।