जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : बोर्ड परीक्षा में परीक्षाफल न्यून रहने वाले विद्यालयों के प्रधानाचार्य व शिक्षकों पर कार्रवाई का राजकीय शिक्षक संघ ने विरोध किया है। कहा कि प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों की गोपनीय आख्या (सीआर) में दर्ज करना ठीक नहीं है। परीक्षा फल न्यून रहने के लिए केवल प्रधानाचार्यों व शिक्षकों को दोषी ठहराया जाना उचित नहीं है। इसके लिए शासन व विभाग को जिम्मेदारी लेनी होगी।
राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व जिलामंत्री मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि विभागीय निर्देशों का पालन करते हुए शिक्षक अपने शिक्षण कार्य के साथ गैर शैक्षणिक कार्य विभागीय सूचनाओं व अन्य दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं, जिसके कारण शिक्षण कार्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। प्रदेश में लगभग 90 प्रतिशत विद्यालय प्रधानाचार्य विहीन है। कई विद्यालयों में महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों के पद रिक्त हैं। विद्यालय के वरिष्ठतम शिक्षक प्रभारी प्रधानाचार्य के साथ-साथ अपने विषय का शिक्षण कार्य, लिपिक एवं अन्य कार्य दायित्वों का निर्वहन कर रहे है, जिससे परीक्षा फल न्यून रहने का मुख्य कारण है। कहा कि यदि राजकीय विद्यालय में सरकार सुधार लाना चाहती है तो जल्द से जल्द प्रधानाचार्य व प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति से शिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए। जिससे व्यवस्थाओं में सुधार हो सके।