जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : धुमाकोट तहसील में आयोजित बहुउद्देशीय शिविर में जिला स्तरीय अधिकारियों के न पहुंचने पर जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी जताई। कहा कि शिविर में मौजूद तहसील स्तरीय अधिकारियों के समक्ष कई मर्तबा शिकायत करने के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो रहा। शिविर में प्राप्त 43 शिकायतों में से महज एक शिकायत का मौके पर निस्तारण हुआ।
तहसील सभागार में आयोजित शिविर में जिला स्तरीय अधिकारियों के न पहुंचने पर जनप्रतिनिधि भड़क गए। उनका कहना था कि मौजूद अधिकारियों के पास कई बार शिकायतें करने के बाद भी उनका निस्तारण नहीं हो पाता। ऐसे में इस तरह के शिविरों में जिला स्तरीय अधिकारियों को आना चाहिए, ताकि समस्याओं का निस्तारण हो सके। शिविर में अधिकांश शिकायतें लोक निर्माण विभाग, पेयजल, ग्राम्य विकास विभाग व वन विभाग से संबंधित रही। पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख सुरेंद्र सिंह बिष्ट, सामाजिक कार्यकर्ता मनीष सुंदरियाल व ग्राम प्रधान संजना देवी ने जंगली जानवरों द्वारा हो रहे नुकसान से अवगत कराया। कहा कि वन विभाग व पशुपालन विभाग को मिलकर इन समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। मनीष सुंदरियाल ने कहा कि क्षेत्र में बाघ, भालू, गुलदार आए दिन पशुओं पर लोगों पर हमला कर रहे हैं। बंदर व सुअरों की संख्या बढ़ती जा रही है, जो कि काश्तकारों की खेती को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। काश्तकार मंगल सिंह ने बकरी बाड़ा सहित ब्लॉक से संचालित कई योजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। जिस पर उपजिलाधिकारी श्रेष्ठ गुनसोला ने जांच का आश्वासन दिया। शिविर में कुल 43 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें राजस्व विभाग से संबंधित एक शिकायत मौके पर निस्तारित कर दी गई। जबकि अन्य शिकायतों को उपजिलाधिकारी श्रेष्ठ गुनसोला ने संबंधित विभागों को सौंपते हुए पंद्रह दिन के भीतर निस्तारित करने के निर्देश दिए। शिविर में स्वास्थ्य विभाग ने दिव्यांगों की जांच कर उन्हें प्रमाण पत्र निर्गत किए। शिविर में कृषि, उद्यान व स्वयं सहायता समूह द्वारा स्टाल लगाकर ग्रामीणों को सामान विक्रय किया गया। इस दौरान ब्लाक प्रमुख प्रकीर्ण नेगी, ज्येष्ठ उप प्रमुख रेखा देवी, राजेंद्र पटवाल, जिला पंचायत सदस्य मुन्नी ध्यानी, खंड विकास अधिकारी प्रमोद कुमार पांडे, तहसीलदार मोहित सिंह आदि मौजूद रहे।