उत्तराखण्ड में पकड़ा गया नकली कोरोना जीवनदायिनी रेमडेसिविर इजेक्शन बनाने का जखीरा, पांच गिरफ्तार, कोटद्वार में भी छापेमारी, नहीं मिला कुछ
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोरोना माहमारी में जीवनदायिनी रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन बेचने वाले उत्तराखण्ड के गिरोह का दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया है। जिसमें रूड़की, हरिद्वार और कोटद्वार में छापेमारी के बाद पांच लोग गिरफ्तार किये गए हैंं। ट्वीटर पर एक समाचार एजेंसी द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने की सूचना पर हरिद्वार, रूड़की और कोटद्वार में छापेमारी की। इधर, उत्तराखण्ड पुलिस की पौड़ी गढ़वाल की अपर पुलिस अधीक्षक मनीषा जोशी ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा दो दिन पहले और आज शुक्रवार को छापेमारी की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने के मामले में गिरफ्तार आदित्य गौतम द्वारा दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को दी गई जानकारी में बताया कि कोटद्वार स्थित सिडकुल में उसने एक फैक्ट्री लीज पर ले रखी है। जिसमें वह मार्केटिंग का कार्य करता है। उसकी जानकारी पर दिल्ली पुलिस द्वारा कोटद्वार में उसकी लीज पर ली गई फैक्ट्री में छापेमारी की गई, जिसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन से संबंधित कुछ भी नहीं मिला है। अपर पुलिस अधीक्षक पौड़ी मनीषा जोशी ने बताया कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की एक खेप तथा उसके रेपर के साथ आदित्य गौतम एवं वतन कुमार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की लेवलिंग का प्रिटिंग और पैकिंग का काम भी रूड़की में ही हुआ है। उधर, पौड़ी गढ़वाल पुलिस प्रमुख पी रेणुका देवी ने भी कहा कि नकली रेमडेसिविर के इजेक्शन बनाने और बेचने के आरोप में गिरफ्तार आदित्य गौतम की कोटद्वार सिडकुल स्थित एक फैक्ट्री में पार्टनर शिप है। जिसके आधार पर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने यहां छापेमारी की, लेकिन यहां पर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने को लेकर कोई सामग्री छापेमारी में नहीं मिली है।
एक समाचार एजेंसी के अनुसार दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उत्तराखंड के एक गिरोह द्वारा बनाई गई कोरोना माहमारी में जीवनदायिनी रेमडेसिविर इंजेक्शन की नकली खेप पकड़ी है। जिसमें नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के 196 एवं 2000 लेवल बरामद किए हैं। साथ ही गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के अनुसार रेमडेसिविर के इन नकली इंजेक्शनों से यह गिरोह जरूरतमंदों से 25000 प्रति इंजेक्शन की वसूली करते थे।