– इलाज में लापरवाही बरतते हुए गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप
हरिद्वार। कनखल के जगजीतपुर स्थित एसआर मेडिसिटी हॉस्पिटल में शनिवार को एक युवती की मौत के बाद स्वजनों ने हंगामा किया। इलाज में लापरवाही बरतते हुए गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए तोड़फोड़ भी की गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और हंगामा शांत कराया। देर रात तक पुलिस, प्रशाासन व स्वास्थ्य विभाग की पड़ताल के बाद अस्पताल सील कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक, ज्वालापुर अहबाबनगर निवासी गुलबहार की बेटी सानिया को पेट दर्द व बुखार आने पर शुक्रवार रात जगजीतपुर स्थित एसआर मेडिसिटी हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। शनिवार की शाम सानिया की तबीयत बिगड़ गई।
स्वजनों ने आरोप लगाया कि गलत इंजेक्शन लगाने के बाद अचानक युवती की तबीयत बिगड़ी है। इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्वजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर ज्वालापुर से बड़ी संख्या में स्वजनों के परिचित भी अस्पताल पहुंच गए और लापरवाही का आरोप लगाते हुए तोड़फोड़ व हंगामा किया। हंगामा बढ़ने पर डाक्टर वहां से निकल लिए। हंगामे की सूचना पर कनखल थाने के एसएसआई रमेश सैनी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी जुटाते हुए हंगामा शांत कराया। स्वजनों ने पुलिस के सामने आरोप लगाया कि तबीयत बिगड़ने पर स्टाफ ने डाक्टर को सूचित किया। तब डाक्टर ने तुरंत एंबुलेंस बुलाकर युवती को फौरन अस्पताल से बाहर करने के निर्देश दिए। दावा किया कि तब तक युवती की मौत हो चुकी थी।
देर रात तक पुलिस-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम अस्पताल में स्टाफ से युवती के उपचार के बारे में जानकारी लेते हुए जांच की। एसडीएम जितेंद्र कुमार की मौजूदगी में मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कराते हुए एसआर मेडिसिटी को सील कर दिया गया। सीओ सिटी शिशुपाल नेगी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। शव का पोस्टमार्टम कराते हुए अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग ने कब्जे में लिए दस्तावेज: जांच के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने युवती के उपचार से जुड़े दस्तावेज कब्जे में ले लिए। सीएमओ डा. आरके सिंह स्वयं मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी जुटाई। सीएमओ ने मौके पर ही एसीएम डा. रमेश कुंवर को प्रकरण की जांच सौंप दी। उन्होंने बताया कि मरीज के इलाज से संबंधित सभी दस्तावेज कब्जे में ले लिए गए हैं। युवती के स्वजनों से जानकारी लेने के साथ ही डाकटर व स्टाफ के बयान भी दर्ज किए जाएंगे।
डाक्टरों ने आरोपों को बताया गलत: एसआर मेडिसिटी के संचालक डा. एसके मिश्रा ने इस संबंध में मीडिया को बयान जारी करते कहा कि युवती को तेज बुखार, बहु-अंग विफलता के लक्षण, प्लेटलेट्स की कमी, सांस लेने में कठिनाई और चेहरे पर सूजन की शिकायत के साथ भर्ती कराया गया था। शनिवार की सुबह युवती के प्लेटलेट्स बहुत कम पाए गए, जिस पर प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन की सलाह दी गई।
मरीज की स्थिति नाजुक होने की जानकारी स्वजनों को देते हुए आईसीयू शिफ्ट करने या हायर सेंटर रेफर करने की आवश्यकता भी स्पष्ट की गई थी। प्रोग्नोसिस की गंभीरता समझाने के बाद मरीज को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। इसके बाद 30 से 40 लोग अस्पताल पहुंचे और तोड़फोड़ कर चिकित्सा उपकरणों को क्षति पहुंचाई, स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मारपीट करते हुए अस्पताल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और उपचार कार्य में बाधा डाली।