फार्मेसिस्ट ने कराया 108 में सुरक्षित प्रसव
चमोली। सीमांत जनपद चमोली में महिलाओं की स्वास्थ्य सेवाएं रामभरोसे हैं। समय पर उपचार न मिलने से गर्भवती के स्वजन भटकते रहते हैं। लेकिन, सीमित संसाधनों के अभाव में क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक मरीजों को हायर सेंटर रेफर करने को विवश हैं। गर्भवती को हायर सेंटर ले जाने वक्त आकस्मिक वाहन सेवा 108 में फार्मोसिस्ट सुरक्षित प्रसव करवा रहे हैं। ऐसे में यह वाहन ही गर्भवतियों को राहत देने का काम कर रहे हैं। बीते सोमवार की गैरसैंण विकासखंड मुख्यालय से 37 किमी दूर गौल गांव में भी ऐसा ही वाकया सामने आया। गौल गांव निवासी राम सिंह की 27 वर्षीय पत्नी सरस्वती देवी को सुबह 10 बजे प्रसव वेदना हुई तो उसने सास-ससुर को इसकी जानकारी दी। स्वजनों ने गांव की आशा हेमा देवी को समय पर सूचित कर 108 सेवा वाहन से सरस्वती को दोपहर एक बजे गैरसैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहां तैनात एक महिला चिकित्सक द्वारा गर्भवती का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। गर्भवती की सास झापुली देवी ने कहा कि अस्पताल की महिला चिकित्सक द्वारा जब बच्चे के जन्म में सप्ताहभर के समय की बात कही गई तो वह गर्भवती को वापस गांव आने लगे। लेकिन, इस दौरान उनकी बहु सरस्वती देवी ने दर्द की बात कही तो उन्हें चिंता हुई और उन्होंने डॉक्टर से गर्भवती को हायर सेंटर रेफर करने का अनुरोध किया। जिस पर उन्हें हायर सेंटर श्रीनगर रेफर कर दिया गया। गैरसैंण से आकस्मिक सेवा वाहन से प्रसव वेदना के बीच गर्भवती को कर्णप्रयाग व कर्णप्रयाग से श्रीनगर ले जाया जा रहा था कि रतूडा में दोपहर साढ़े तीन बजे कर्णप्रयाग में आकस्मिक सेवा वाहन 108 में महिला को अधिक प्रसव वेदना हुई। इस पर 108 में तैनात फार्मेसिस्ट सुमित खनेड़ा, चालक रमेश व महिला की सास की मदद से सुरक्षित प्रसव कराया गया। महिला ने बेटी को जन्म दिया। जिस पर जच्चा-बच्चे को रुद्रप्रयाग अस्पताल में भर्ती कराया गया और स्वजनों ने राहत की सांस ली। मंगलवार को दोपहर बाद स्वजन जच्चा व बच्चे को लेकर अपने गांव रवाना हो गए और 108 सेवा वाहन में तैनात कर्मियों व अस्पताल प्रशासन का धन्यवाद दिया।