किसान परिवारों का बलिदान लाया रंग: सोनिया गांधी
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-कृषि कानूनों के वापस होने को बताया सत्य और न्याय की जीत
नई दिल्ली, एजेंसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला सत्य और न्याय की जीत है। सोनिया गांधी ने कहा, ‘ 700 से अधिक किसान परिवारों, जिनके सदस्यों ने न्याय के लिए इस संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति दी, का बलिदान रंग लाया है। आज सत्य, न्याय और अहिंसा की जीत हुई है।’
सोनिया गांधी ने आगे कहा कि ”प्रजातंत्र में कोई भी फैसला प्रत्येक शेयर होल्डर और विपक्ष से चर्चा के बाद ही लेना चाहिए। मुझे आशा है कि मोदी सरकार इससे भविष्य के लिए जरूर कुछ सीखेगी।’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद कहा कि देश के अन्नदाताओं ने सत्याग्रह से अहंकार का सिर झुका दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, ”देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सिर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!” राहुल गांधी ने कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ महीने पहले पंजाब में निकाली गई अपनी एक यात्रा के दौरान दिए गए अपने उस बयान का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि केंद्र सरकार एक दिन ये कानून वापस लेने को मजबूर होगी।
एनसीपी मुखिया शरद पवार ने कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने को देश के कुछ राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़ते हुए कहा, ‘जैसे-जैसे यूपी, पंजाब के चुनाव नजदीक आए और हरियाणा, पंजाब में लोगों ने बीजेपी का बहिष्कार करना शुरू कर दिया, उन्होंने कृषि कानूनों को निरस्त करने का यह फैसला लिया। हम यह नहीं भूल सकते कि इस सरकार के कारण किसान एक साल तक धरने पर बैठने को मजबूर हुए।