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बैरिकेड तोड़ सचिवालय के मुख्य गेट पर पहुंचे किसान, पुलिस ने किया वाटर कैनन का इस्तेमाल

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चंडीगढ़ , एजेंसी। हरियाणा के करनाल में मंगलवार को किसानों की महापंचायत हुई। इसके बाद बड़ी संख्या में किसानों ने राकेश टिकैत के नेतृत्व में लघु सचिवालय की ओर मार्च किया । किसान 28 अगस्त को करनाल में हुए लाठीचार्ज से नाराज हैं। उन्होंने लाठीचार्ज के दोषियों पर कार्रवाई और पीड़ित किसानों को मुआवजा देने की मांग उठाई। किसानों के मार्च के दौरान भारी पुलिसबल तैनात रहा। बढ़ती भीड़ देख प्रशासन ने राकेश टिकैत को बस में बैठाया लेकिन बाद में वो फिर किसानों के बीच पहुंच गए।
बैरिकेड तोड़ किसान लघु सचिवालय के मुख्य गेट तक पहुंचने में कामयाब हो गए हैं। वहीं सचिवालय की व्यवस्था कड़ी है। पूरा परिसर बीएसएफ के हवाले हैं। प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया लेकिन किसान सभी बाधाओं को पार कर मुख्य गेट तक पहुंच गए।
वहीं किसानों की 11 सदस्यीय कमेटी और प्रशासन के बीच चल रही वार्ता विफल हो गई है। इसके बाद किसान नेता महापंचायत में लौट आए हैं। अब बैठक कर किसान नेता अगली रणनीति का एलान करेंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि करनाल में किसानों की बैठक चल रही है। हाल ही में गठित 11 सदस्यों की कमेटी से बात चल रही है। मुझे उम्मीद है कि बातचीत से कोई हल निकलेगा।
करनाल जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि इंटेलीजेंस रिपोर्ट पुलिस के अनुसार लाठी, जेली, लोहे की रड से लैस होकर अनाज मंडी पहुंचे हैं। पुलिस और प्रशासन ने किसान नेताओं से बात की है जिन्होंने ऐसे तत्वों को कार्यक्रम स्थल छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वे अपने नेताओं की भी नहीं सुन रहे हैं। करनाल जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा ऐसे शरारती तत्वों को कानून हाथ में न लेने और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने की चेतावनी दी जा रही है। ऐसे सभी तत्वों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा।
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि उन्हें लगता है कि गुरनाम चढूनी ने हरियाणा में लगातार अराजकता पैदा करने के लिए कांग्रेस से पैसा लिया है। वे इसे तब तक जारी रखेंगे जब तक कि कुछ निर्दोष किसानों की जान नहीं चली जाती। हरियाणा के कुछ किसान समझ गए हैं कि यह सब राजनीति है।
हरियाणा के करनाल में किसानों की महापंचायत में राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी और योगेंद्र यादव समेत कई किसान नेता पहुंचे। सुबह से हो रही झमाझम बारिश के बीच किसानों का जोश कम नहीं हुआ। हजारों की संख्या में किसान महापंचायत में पहुंचे।
इससे पहले सोमवार आधी रात तक नई अनाज मंडी से सटे सेक्टर-3 स्थित औद्योगिक क्षेत्र को कंटीले तार और बांसों से सील कर दिया गया ताकि अनाज मंडी से किसी भी तरफ से किसान निकल न पाएं। रात 12रू30 बजे तक औद्योगिक क्षेत्र के सात गेट सील किए जा चुके थे। पुलिस को आशंका है कि किसान माहौल बिगड़ने पर अनाज मंडी से औद्योगिक क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं। लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों, श्रमिकों का अमला सीलिंग की कार्रवाई में जुटा रहा।
शहर से जिन रास्तों से जीटी रोड पर चढ़ा जा सकता है, उन सभी बिंदुओं पर बड़ी संख्या में बैरिकेड रख दिए गए हैं। महापंचायत के बाद किसानों का अगला लक्ष्य लघु सचिवालय पहुंचने का है। इस कारण यहां जीटी रोड के निर्मल कुटिया चौक से लघु सचिवालय गेट तक बैरिकेड के ढेर लगा दिए गए हैं।
आईजी करनाल और करनाल रेंज के सभी एसपी को कानून व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। डीजीपी पीके अग्रवाल ने सोमवार को तैयारियों की समीक्षा करते हुए किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। वहीं कुरुक्षेत्र विवि ने मंगलवार को होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। इंटरनेट सेवाएं बंद रहने के कारण अब परीक्षाएं 28 सितंबर को होंगी। गृह विभाग के सचिव ने हालात के मद्देनजर दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन का आदेश जारी किया है।
करनाल में किसानों की महापंचायत में उपद्रव की आशंका को देखते हुए सरकार ने कुरुक्षेत्र, जींद, पानीपत और कैथल में भी सात सितंबर रात 11रू 59 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया है। सीआईडी के एडीजीपी ने सरकार को बताया है कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान करनाल व आसपास के जिलों में स्थिति बिगड़ सकती है, इसलिए विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है।

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