चंडीगढ़ , पंजाब में किसानों द्वारा सोमवार को बुलाया गया पंजाब बंद शाम 4 बजे खत्म हो गया। सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक चले इस बंद से पूरे राज्य में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। किसानों ने हरियाणा और पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर समेत 140 से ज्यादा जगहों पर हाईवे और रेलवे ट्रैक जाम कर दिए। अमृतसर-जालंधर, पानीपत-दिल्ली और अमृतसर-जम्मू जैसे महत्वपूर्ण रूटों पर यातायात पूरी तरह ठप रहा। किसान आंदोलन के चलते रेलवे ने वंदे भारत समेत 163 ट्रेनें रद्द कर दीं। इससे हजारों यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हरियाणा के कुरुक्षेत्र और अंबाला में ट्रेनें रद्द होने से कई यात्री इधर-उधर भटकते नजर आए। कई यात्रियों को मजबूरी में होटलों में शरण लेनी पड़ी। बस सेवाएं और बाजार भी बंद।पंजाब से आठ राज्यों को जोडऩे वाले 576 रूटों की बस सेवाएं भी पूरी तरह बंद रहीं। हरियाणा और हिमाचल प्रदेश समेत अन्य राज्यों की बसें पंजाब में प्रवेश नहीं कर सकीं।बंद के कारण पेट्रोल पंप, गैस एजेंसियां और अधिकतर दुकानें भी बंद रहीं। इस कारण आम लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए मशक्कत करनी पड़ी। किसानों के इस बंद का व्यापक असर रहा। यात्री अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सके, वहीं स्थानीय लोग भी बंद के कारण असुविधा का सामना करते नजर आए। बंद समाप्त होने के बाद धीरे-धीरे यातायात बहाल हुआ, लेकिन दिनभर की असुविधा ने यात्रियों और स्थानीय लोगों को परेशान रखा।किसानों का यह आंदोलन अपने मुद्दों को उजागर करने के लिए किया गया था, लेकिन इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ा। बंद समाप्त होने के बाद भी यात्रियों की समस्याएं रात तक ही हल हो पाईं।