मानसून सत्र खत्म होने तक संसद के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे किसान

Spread the love

नई दिल्ली । संयुक्त किसान मोर्चा ने आज घोषणा की कि मानसून सत्र के दौरान लगभग 200 किसानों का एक समूह हर दिन संसद के सामने केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध करेगा। आज सिंघू बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद किसान आंदोलन के नेताओं ने आने वाले दिनों में अपने संघर्ष को तेज करने के लिए कई फैसलों की घोषणा की।
एसकेएम ने फैसला लिया है कि वो मानसून सत्र में किसानों के आंदोलन के समर्थन हासिल करने के लिए जुलाई 17 तारीख को देश के सभी विपक्षी दलों को एक चेतावनी पत्र भेजेगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता गुरनाम सिंह चारुनी ने कहा, हम विपक्षी सांसदों से भी कहेंगे की वो सदन के अंदर हर दिन इस मुद्दे को उठाए, जबकि कानून के विरोध में हम बाहर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि हम विपक्ष से कहेंगे की वो केंद्र को वॉक आफट करने का लाभ ना दें। हम सेशन को तबतक नहीं रुकने देंगे जबतक सरकार इस मुद्दे को संबोधित नहीं करती है।
संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। चारुनी ने कहा, ‘जब तक वे हमारी मांगें नहीं सुनते, हम संसद के बाहर लगातार विरोध प्रदर्शन करेंगे।’ उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान संघ के पांच लोगों को विरोध में शामिल होने के लिए ले जाया जाएगा। एसकेएम ने पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती कीमतों के खिलाफ 8 जुलाई को देशव्यापी विरोध का भी आह्वान किया।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि 8 जुलाई को राज्य और नेशनल हाईवेज पर सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक अपने अपने वाहन पार्क करें। साथ ही उन्होंने कहा कि इस बात बी ख्याल रखा जाए कि इससे ट्रैफिक जाम ना हो। उन्होंने अपने विरोध प्रदर्शन में एलपीजी सिलेंडर लाने की भी मांग की है। वहीं पंजाब यूनियनों द्वारा यह भी घोषणा की गई कि राज्य में बिजली की आपूर्ति के संबंध में स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है, इसलिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के ‘मोती महल’ के घेराव के पूर्व घोषित कार्यक्रम को अभी स्थगित कर दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *