बागेश्वर। फायर सीजन खत्म होने के बाद भी जंगलों की आग नहीं बुझ रही है। जंगलों से धुएं की गुबार उठ रहा है।
चीड़ की पत्तियां वनों में आग लगने में सहायक हो रहे हैं। लोगों ने वन विभाग से आग पर काबू पाने के लिए प्रयास
करने की मांग की है। मालूम हो कि 15 फरवरी से 15 जून का समय फायर सीजन का होता है। इस बार समय पर
बारिश होने के कारण फायर सीजन में जंगल तो बच गए। पूरे जिले में आग की पांच ही घटनाएं हुई थी, लेकिन सीजन
खत्म होने के बाद अब जंगल आग के हवाले अधिक होने लगे हैं। एक पखवाड़े पहले कपकोट और कांडा तहसील के
जंगल आग के हवाले हो गए थे, लेकिन अब काफलीगैर के जंगल भी आग के हवाले होने लगे हैं। इन दिनों डोबा के
जंगलों में आग लगी है। धुएं का गुबार उठ रहा है। चीड़ की सूखी पत्तियां आग को बढ़ाने में सहायक हो रहा है। लोगों ने
वन विभाग से समय पर चीड़ की पत्तियों से निजात दिलाने की मांग की है। आग से लीसा समेत वन संपदा जलकर
खाक हो रहा है। इधर वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह नयाल ने बताया कि आग बुझाने के लिए कर्मचारियों को निर्देश दे
दिया गया है। जल्दी वन की आग बुझा दी जाएगी।