उत्तराखंड

मुस्लिम पर्सनल ल बोर्ड का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न

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रुद्रपुर। मुस्लिम पर्सनल ल बोर्ड के राज्य स्तरीय सम्मेलन में उत्तराखंड में वक्फ संपत्तियों की देखभाल और सूफी करिडोर की स्थापना की मांग उठायी गयी। मदरसों की परीक्षाओं को समकक्ष मान्यता देने समेत कुल सात प्रस्ताव सम्मेलन में पारित किये गये। रविवार को एक मैरिज लन में सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश भर के उलेमा, दरगाहों के सज्जादानशीं और बुद्घिजीवी लोगों ने भाग लिया। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर मुस्लिम पर्सनल ल बोर्ड अफ इण्डिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष कारी मुहम्मद यूसुफ अजीजी, राष्ट्रीय महामंत्री मुईन अहमद खान, राष्ट्रीय प्रवक्ता रियाजुददीन और जावेद अहमद की मौजूद्गी में सात प्रस्ताव पारित किये गये। इनमें कहा गया कि बोर्ड देश के संविधान के अनुसार बिना किसी भेदभाव के इंसानियत और समाज के विकास और तरक्की के लिये काम करेगा। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में वक्फ जायदादों का बुरा हाल है। राज्य सरकार संपत्तियों को खुर्द-बुर्द होने से बचाये और बड़े पैमाने पर सूफी करिडोर बनाया जाये। मदरसे की अरबी फारसी परीक्षाओं को समकक्षता देने व सरकारी स्कूलों की तरह सुविधाएं देने की मांग भी उठह। संविधान की धारा 341 के अनुसार आरक्षण के लिए धार्मिक पाबंदी हटाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। अन्य प्रस्तावों में कहा कि मुस्लिम पर्सनल ल बोर्ड अफ इण्डिया देश में अमन और शांति के लिए काम करेगा। बोर्ड का काम केवल धार्मिक मामलों, समाज की तरक्की और भले के लिए होगा यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुए।

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