सबसे पहले अमित शाह जन्म प्रमाण पत्र दिखाएं- ममता बनर्जी

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सीएम ने कहा- नाम हटाने के लिए मेरी लाश से होकर गुजरना होगा
झारग्राम , देश की मोदी सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर तेवर में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हमले जारी है। राज्य के झारग्राम में एक रैली में एसआईआर व एमआरसी की आलोचना करते हुए सीएम ममता ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को ही सबसे पहले उनका जन्म प्रमाण पत्र दिखाने की चुनौती दे दी। उक्त रैली में सीएम ममता ने कतिथ तौर पर एनआरसी के डर से आत्महत्याओं की खबरों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, लोग पहले से ही डर के मारे आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने नागरिकता प्रमाण पत्र की मांग की वैधता पर सवाल उठाया और भाजपा नेतृत्व को चुनौती देते हुए कहा, क्या भाजपा नेताओं के पास खुद जन्म प्रमाण पत्र हैं? उन्हें दूसरों की पहचान पर सवाल उठाने का क्या अधिकार है? सीएम ममता ने कहा, अमित शाह, पहले मुझे अपना जन्म प्रमाण पत्र दिखाएं।
ममता बनर्जी ने मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की आलोचना करते हुए दावा किया कि यह एक राजनीतिक दल के पक्ष में एक अलग सूची बनाने का प्रयास है। उन्होंने कहा, एसआईआर के नाम पर एक भी मतदाता मतदाता सूची से नहीं छूटना चाहिए। वे मतदाता सूची नहीं, बल्कि भाजपा की सूची बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया का इस्तेमाल बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू करने के तरीके के रूप में किया जा रहा है।
झारग्राम में भाषा आंदोलन के मंच से सीएम ममता ने एसआईआर पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, अगर लोगों के नाम हटाना चाहते हैं, तो आपको मेरी लाश से होकर गुजरना होगा। सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि नागरिकता सत्यापन और मतदाता सूची संशोधन के नाम पर बंगाली भाषी प्रवासियों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने भाजपा पर बंगालियों को परेशान करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि वह बंगाली भाषा और लोगों पर हो रहे हमलों का पर्दाफाश करेंगी। उन्होंने कहा, वे कह रहे हैं कि बंगाली नाम की कोई भाषा नहीं है। मैं दुनिया के सामने उनका पर्दाफाश करूंगी। मुख्यमंत्री ने उन्होंने मंच से घोषणा की कि किसी भी राज्य सरकार के किसी भी अधिकारी को एसआईआर या एनआरसी के सिलसिले में बर्खास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने पूछा, किसी को सिफ़र् बंगाली बोलने पर बांग्लादेशी कैसे कहा जा सकता है? रैली में प्रवासी परिवारों, छात्रों और स्थानीय समुदाय के सदस्यों ने हिस्सा लिया।
बहरहाल जो भी हो आगामी 26 के चुनावों में ममता बनर्जी का हथियार बंगालियों का गौरव है। इसी भावना का इस्तेमाल करते हुए, ममता सिदो- कान्हू की जमीन पर खड़े होकर राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर एकता का संदेश दिया। उन्होंने कहा, पार्टी को भूल जाओ, राजनीतिक दल को भूल जाओ। आपको अपना निवास स्थान का पता, सिर्फ आपको ही बचाना है। याद रखें एक भी नाम बाद नहीं जाएं।

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