कोटद्वार-पौड़ी

मत्स्य पालकों को रोजगार के साथ मिल रहा आर्थिक लाभ

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चमोली। मत्स्य उत्पादन चमोली जिले में मत्स्य उत्पादकों के लिए मजबूत आर्थिकी का व्यवसाय साबित हो रही है। जिलाधिकारी की पहल पर मत्स्य विभाग द्वारा वर्ष 2022-23 में जिला योजना मद से मनु मत्स्य जीवी सहकारी समिति वाण, देवाल को एक रेफ्रीजरेटेड वाहन उपलब्ध कराया गया है। जिस पर कुल 15 लाख की धनराशि व्यय हुई। व्यय धनराशि का 40 प्रतिशत जिला योजना से तथा 60 प्रतिशत एनसीडीसी से लाभार्थी कोाण दिया गया। इस वाहन का मुख्य उद्देश्य मत्स्य बीज की सुरक्षित आपूर्ति एवं मछलियों को बाजारों तक पहुचाने में सहायता प्रदान करना है। जिससे मछलियों का मांस खराब न हो। प्रभारी सहायक निदेशक मत्स्य जगदंबा ने बताया कि मनु मत्स्य जीवी सहकारी समिति द्वारा पिछले वर्ष से मत्स्य बीज उत्पादन एवं वितरण का कार्य किया जा रहा है। पूर्व में समिति को मत्स्य बीज वितरण में रेफ्रीजरेटेड वाहन न होने से दिक्कतें आ रही थी। मत्स्य विपणन के बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए कुछ ही महीनों में मनु मत्स्य जीवी सहकारी समिति द्वारा 11 लाख से अधिक मूल्य के मत्स्य बीज का जनपद चमोली एवं बागेश्वर में विपणन किया जा चुका है। समिति इस वाहन के माध्यम से किसानों के तालाबों तक स्वयं ही मत्स्य बीज की आपूर्ति कर मत्स्य बीज के मूल्य के साथ-साथ वाहन के किराये के रूप में भी आय अर्जित कर रही है। समिति ने अगले वर्ष मत्स्य बीज उत्पादन का लक्ष्य भी 02 लाख से बढाकर 03 लाख निर्धारित किया है। जिला प्रशासन की इस सकारात्मक पहल से मत्स्य पालकों को रोजगार के साथ भरपूर आर्थिक लाभ भी मिलने लगा है।

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