भारत 2024-25 के दौरान दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में एक होगा, फिच का अनुमान
नई दिल्ली, एजेंसी। फिच रेटिंग्स का अनुमान है कि भारत 2024-25 में 6.5 प्रतिशत की लचीली जीडीपी वृद्धि के साथ दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते देशों में से एक होगा। चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एजेंसी ने जीडीपी वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
फिच की रिपोर्ट के अनुसार, “सीमेंट, बिजली और पेट्रोलियम उत्पादों की मांग मजबूत बनी रहेगी और 2023 में उच्च आवृत्ति वाले आंकड़े कोविड-19 महामारी से पहले के स्तर से काफी ऊपर बने रहेंगे। भारत के बढ़ते बुनियादी ढांचे के खर्च से इस्पात की भी मांग बढ़ेगी।” फिच ने शुक्रवार को जारी अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि 2023 में मजबूत वृद्धि के बाद नरमी की हमारी उम्मीद के बावजूद कारों की बिक्री में भी वृद्धि जारी रहेगी।
अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान के बाद भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। 2030 तक, भारत का सकल घरेलू उत्पाद जापान से अधिक होने का अनुमान है, जिससे भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि प्रमुख विदेशी बाजारों में धीमी वृद्धि से कमजोरी के बावजूद भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि से कंपनियों में मांग बढ़ेगी। इससे इनपुट लागत का दबाव कम होने से मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में मुनाफा 2022-23 के स्तर से 290 आधार अंक ऊपर पहुंच सकता है। इससे कंपनियों को उच्च पूंजीगत व्यय के बावजूद पर्याप्त रेटिंग बनाए रखने में मदद मिलेगी।
जीडीपी में बड़ा योगदान करने वाले भारत के आईटी क्षेत्र के बारे में रेटिंग में कहा गया है कि अमेरिका और यूरोजोन में मांग में नरमी से आईटी सेवाओं की बिक्री वृद्धि में नरमी आने की आशंका है, लेकिन कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने और वेतन के दबाव में कमी से मुनाफे में बढ़ोतरी होनी चाहिए।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अर्थव्यवस्था में बढ़ती मांग से सीमेंट और इस्पात क्षेत्रों में उद्योग संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी। हमारा मानना है कि भारत की संरचनात्मक मांग दृश्यता, सरकार की ओर से आपूर्ति में पक्ष सुधार और स्वस्थ कॉरपोरेट और बैंकों के बैलेंस शीट से वित्त वर्ष 2023 में तेजी के बाद अधिकांश क्षेत्रों में पूंजीगत व्यय में और वृद्धि होगी।
इस सप्ताह की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 और अगले वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। आईएमएफ ने कहा कि देश की वृद्धि मजबूत रहने की उम्मीद है, जिसे व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता का समर्थन मिलेगा।
दिसंबर 2023 में, गोल्डमैन सैक्स रिसर्च ने भी अनुमान जताया था कि 2024 में भारत की विकास दर 13 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक 6.2 प्रतिशत होगी। चीन के 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ दूसरे स्थान पर रहने का अनुमान है। वहीं, एसएंडपी ने वित्त वर्ष 2024-2026 के दौरान भारत की जीडीपी सालाना 6 से 7.1 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2023-24 और 2024-25 के लिए 6.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान लगाया है।
हालांकि केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत दरों में यथास्थिति बनाए रखते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 50 आधार अंक बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। अक्टूबर की बैठक में रिजर्व बैंक ने 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से यह संशोधन भारत में जुलाई-सितंबर तिमाही में उम्मीद से अधिक वृद्धि 7.6 प्रतिशत रहने के बाद किया है।