हरिद्वार। आपदा के समय स्थानीय स्तर पर तत्काल राहत और बचाव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सोमवार को जिला प्रशासन द्वारा आपदा मित्रों (ग्रामीण स्वयंसेवकों) के लिए पांच दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की शुरुआत जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में कलेक्ट्रेट स्थित आपदा प्रबंधन सभागार में हुई। शिविर में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों के साथ हरिद्वार, लक्सर और रुड़की क्षेत्रों से आए ग्रामीण स्वयंसेवकों ने भाग लिया। प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करते हुए जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत ने कहा कि हरिद्वार भौगोलिक दृष्टि से संवेदनशील जिला है। ऐसे में चारधाम यात्रा और कांवड़ मेले जैसे बड़े आयोजनों के दौरान आपदा मित्रों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।
उन्होंने स्वयंसेवकों से अपील की कि वे प्रशिक्षण में दी जा रही जानकारियों को गंभीरता से लें और अपने-अपने क्षेत्रों में आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाएं। किसी भी घटना की सही लोकेशन और सूचना तुरंत कंट्रोल रूम तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए।