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पांच साल बाद दुष्कर्म के आरोपित को न्यायालय ने किया दोषमुक्त, पीड़िता ने दिया था संतान को जन्म

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गूलरभोज ऊधमसिंह नगर रू दुष्कर्म के बाद एक संतान को जन्म देने के मामले में पीड़िता के विरोधाभासी बयानों और कमजोर साक्ष्यों के आधार पर आरोपित को न्यायालय ने दोषमुक्त करार दिया। करीब पांच साल पूर्व 25 जून 2016 को रामनगर, नैनीताल निवासी पीड़िता ने थाना दिनेशपुर में तहरीर देकर बताया कि वह दिनेशपुर स्थित एक गांव में अपने भाई के साथ रह रही थी। इसी दौरान उसकी जान पहचान भरतपुर, थाना न्यूरिया, पीलीभीत उत्तर प्रदेश हाल मुकरंदपुर थाना दिनेशपुर निवासी दीपंकर मंडल पुत्र फटिक मंडल से हुई।
26 अप्रैल 2015 को दीपांकर ने पीड़िता को घर के पीटे नहर पर बुलाया और दुष्कर्म किया। पुलिस में शिकायत करने पर उसने कहा की जल्दी वह विवाह कर लेगा। इसके बाद भी उसने कई बार संबंध बनाए। गर्भ ठहरने की सूचना देने पर आरोपित शादी का झांसा देकर बार-बार टालमटोल और दुष्कर्म करता रहा। आठ माह की गर्भवती होने पर भवानीगंज,रामनगर में रहने वाली पीड़िता की मां के पास इस वायदे के साथ छोड़ आया कि वह उसे घर ले जाएगा। इसी बीच उसने एक पुत्री को जन्म दिया। बाद में उसे पता चला आरोपित ने किसी अन्य से विवाह कर लिया है। उसे लेकर वह गड्ढा कलोनी रुद्रपुर में रह रहा है। जब पीड़िता मौके पर पहुंची तो आरोपित ने उसके साथ गाली गलौज करते हुए दोबारा आने पर जान से मारने की धमकी दी। मामले में पत्रावली सत्र न्यायाधीश ऊधमसिंह नगर के आदेश से अंतरित होकर अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीएससी) की अदालत में पेश हुई।
अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता (दांडिक) उमेश कुमार गुप्ता जबकि अभियुक्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार गोस्वामी पेश हुए। न्यायालय में चली लंबी बहस के बाद पीड़िता के विरोधाभासी बयानों,भिन्न-भिन्न कथनों, कमजोर गवाही को देखते हुए न्यायाधीश शिवाकांत द्विवेदी ने अपने आदेश में लिखा की अभियोजन अभियुक्त दीपंकर मंडल के विरुद्घ आरोपों को युक्ति- युक्त संदेह से परे साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है। लिहाजा अभियुक्त को उक्त धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध के आरोपों से दोषमुक्त किया जाता है।

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