नईदिल्ली,फुटबॉल प्रशंसकों में जबरदस्त नाराजगी है और फुटबॉल सपोर्टर्स यूरोप (एफएसई) ने फीफा पर सीधा हमला बोला है। कारण है अगले साल होने वाले फीफा विश्व कप की टिकटों की कीमत। विवाद शुरू हुआ जब जर्मन फुटबॉल संघ ने राष्ट्रीय संघों को मिली टिकटों की कीमतें सार्वजनिक कीं। लीग मैचों की टिकटों की शुरुआती कीमत 180 डॉलर (करीब 16,000 रुपये) और कुछ टिकट 700 डॉलर (करीब 63,000 रुपये) तक दिखे। संगठन ने टिकटों की बिक्री पर रोक की मांग की।
फाइनल के टिकट के दाम तो और भी चौंकाने वाले हैं। शुरुआती कीमत 4,185 डॉलर (करीब 3.7 लाख रुपये) और सबसे ऊंची कीमत 8,680 डॉलर (लगभग 7.8 लाख रुपये) है। ये दरें फीफा द्वारा पहले प्रचारित 60 डॉलर (करीब 5,400 रुपये) वाली सीटों से काफी ज्यादा हैं। अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको की बोली के दौरान वादा किया गया था कि टिकट 21 डॉलर (करीब 1,900 रुपये) में भी उपलब्ध होंगे। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं है।
एफएसई ने संगठन को लुटेरा और बड़ा विश्वासघात बताया है। उन्होंने कहा कि फैंस को उसी टूर्नामेंट से दूर किया जा रहा है, जो वैश्विक एकता का जश्न मनाने की बात करता है। एफएसई के अनुसार, कोई भी समर्थक अगर अपनी टीम का पहला मैच से लेकर फाइनल तक सफर करे, तो सिर्फ टिकटों पर ही कम से कम 6,900 डॉलर (करीब 6.2 लाख रुपये) खर्च होंगे। जो 2022 विश्व कप की तुलना में 5 गुना ज्यादा है।
एफएसई ने मांग की है कि फीफा तुरंत टिकट बिक्री रोक दे। सभी संबंधित पक्षों से बातचीत करे, कीमतों की समीक्षा करे और विश्व कप की मूल भावना व सुलभता को वापस लाए। दूसरी ओर फीफा ने सफाई दी है कि इस बार पहली बार डायनेमिक प्राइसिंग लागू की गई है, जिसके तहत टिकटों की कीमत मांग के आधार पर बदल सकती है। यही वजह है कि कीमत अचानक ज्यादा दिखाई दे रही हैं।
सितंबर में फीफा ने कहा था कि उसकी वेबसाइट पर ग्रुप मैचों के टिकट 60 डॉलर से शुरू होंगे और फाइनल की कीमत 6,730 डॉलर (करीब 7 लाख रुपये) तक जा सकती है। हालांकि, अब ये दावे भरोसेमंद नहीं दिख रहे। टूर्नामेंट शुरू होने में डेढ़ साल से भी कम समय बचा है और फैंस पूछ रहे हैं कि इसकी कीमतें अचानक किसी लग्जरी इवेंट जैसी क्यों कर दी गई हैं? यह टूर्नामेंट 12 जून, 2026 से शुरू होगा।