भाजपा के लिए आदिवासी सिर्फ ‘वनों के वासी’, कांग्रेस देगी उनका वास्तविक हक : राहुल गांधी
ब्यौहारी, एजेंसी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लिए आदिवासी सिर्फ ‘वनों के वासी’ हैं, जबकि कांग्रेस उन्हें जमीन का मालिक मानते हुए उन्हें उनका हक दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। राहुल गांधी मध्यप्रदेश के आदिवासीबहुल जिले शहडोल के ब्यौहारी में कांग्रेस की चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान पार्टी के प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित रहे। कल मध्यप्रदेश के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद राहुल गांधी की प्रदेश में ये पहली चुनावी सभा थी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस आदिवासियों को सदा आदिवासी बोलती है, जबकि भाजपा उनके लिए ‘वनवासी’ शब्द का उपयोग करती है। आदिवासी का अर्थ है, जो हिंदुस्तान में सबसे पहले रहते थे और जो यहां की जमीन के मालिक हैं, जबकि वनवासी का मतलब है, जो सिर्फ वनों में रहते हैं और उनका जमीन पर कोई हक नहीं है। इसी दौरान राहुल गांधी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदिवासियों के लिए पहले वनवासी शब्द का इस्तेमाल करते थे, लेकिन उन्होंने (श्री गांधी ने) पीएम मोदी से कहा कि वे इस शब्द का इस्तेमाल कर आदिवासियों का अपमान ना करें, उसके बाद से प्रधानमंत्री ने वनवासी शब्द का इस्तेमाल बंद कर दिया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पेसा कानून लेकर आई, लेकिन भाजपा ने उसे रद्द कर दिया। इसी दौरान उन्होंने दावा किया कि कमलनाथ सरकार ने मध्यप्रदेश में आदिवासियों को जमीन के पट्टे दिए थे, लेकिन बाद में आई भाजपा सरकार ने आदिवासियों को डरा कर उनकी जमीन छीन ली। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर आदिवासियों को उनका जमीन का हक वापस किया जाएगा। राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना के मुद्दे को भी एक बार फिर उठाते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर जातिगत जनगणना कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि देश से जुड़े सभी निर्णय 90 अधिकारी लेते हैं। इनमें से ओबीसी वर्ग के तीन अधिकारी हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार अगर एक रुपए के बजट का फैसला लेती है तो उसमें से 10 पैसे के बजट का फैसला भी आदिवासी अधिकारी नहीं करते। इस स्थिति को दूर करने के लिए कांग्रेस जातिगत जनगणना कराना चाहती है।