सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में तीसरी बार ऐसा मौका, जब केवल महिला जजों की पीठ कर रही सुनवाई

Spread the love

नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में यह तीसरी दफा ऐसा मौका आया है जब केवल महिला जजों की पीठ कुछ मामलों की आज सुनवाई कर रही है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को वैवाहिक विवादों और जमानत मामलों से जुड़ी स्थानांतरण याचिकाओं पर सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की एक महिला पीठ का गठन किया है।
शीर्ष अदालत के इतिहास में यह तीसरी बार है जब महिला पीठ का गठन किया गया है। दो जजों की बेंच फिलहाल शीर्ष अदालत के कोर्ट नंबर 11 में इन मामलों पर सुनवाई कर रही है। पीठ के पास 32 मामले सूचीबद्घ हैं, जिसमें वैवाहिक विवादों से जुड़ी 10 स्थानांतरण याचिकाएं और उसके बाद 10 जमानत मामले शामिल हैं।
पहली महिला बेंच की स्थापना 2013 में की गई थी जब जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा और रंजना प्रकाश देसाई की बेंच का गठन किया गया था और उसके बाद 2018 में जस्टिस आर भानुमति और इंदिरा बनर्जी की बेंच का गठन किया गया था। वर्तमान में शीर्ष अदालत में तीन महिला न्यायाधीश हैं जिनमें न्यायमूर्ति कोहली, बी वी नागरत्ना और त्रिवेदी शामिल हैं। न्यायमूर्ति नागरत्ना 2027 में पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनने की भी कतार में हैं। शीर्ष अदालत में वर्तमान में ब्श्रप् सहित 27 न्यायाधीशों की क्षमता है, जबकि स्वीत शक्ति 34 न्यायाधीशों की है।
इस बीच, कालेजियम की सिफारिशों के तहत जजों की नियुक्तियां नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच रार जारी है। नियुक्तियों की फाइलें रोके जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *