उत्तराखंड

तबीयत बिगड़ने पर छात्र संघ अध्यक्ष गौरव को जबरन उठाया

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रुद्रप्रयाग। पीजी कालेज अगस्त्यमुनि में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे छात्र संघ अध्यक्ष गौरव भट्ट को बुधवार को प्रशासन ने जबरन उठा दिया। पांचवें दिन धरना स्थल से उनकी हालत खराब होते देख प्रशासन ने जबरन उठाते हुए उन्हें जिला चिकित्सालय भर्ती करा दिया है। इस दौरान छात्रों की पुलिस से तीखी नोक झोंक भी हुई। अगस्त्यमुनि में चल रहा छात्रों का आंदोलन और उग्र होता जा रहा है। बुधवार को जैसे ही छात्र संघ अध्यक्ष को धरना स्थल से उठाया गया तो आन्दोलन को गति देने के लिए छात्र महासंघ के अध्यक्ष संतोष त्रिवेदी, भानू चमोला एवं नितिन नेगी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। भूख हड़ताल पर बैठे गौरव भट्ट को उठाने के लिए पुलिस को एक घण्टा तक संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान छात्रों ने जमकर नारेबाजी करते हुए पुलिस का घोर विरोध किया। छात्र छात्राओं ने कलेज का गेट बन्द कर गाड़ी को अन्दर ही रोक लिया। कई छात्र छात्रायें पुलिस की गाड़ी के आगे लेट गये। पुलिस को छात्रों को हटाने तथा गौरव को वहां से ले जाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। विगत कई दिनों से छात्रों की नौ सूत्रीय मांग को लेकर अभाविप आन्दोलन चला रहा है। आन्दोलन के तहत शनिवार 26 अगस्त को अचानक से छात्र संघ अध्यक्ष गौरव भट्ट अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए। इस दौरान उनसे मिलने केदारनाथ विधायक शैलारानी भी पहुंची और उनकी समस्याओं पर उच्च शिक्षा मंत्री ड़ धनसिंह रावत से वार्ता करने का आश्वासन दिया। चौथे दिन मंगलवार को अनशनकारी छात्र की मेडिकल जांच हेतु सीएचसी अगस्त्यमुनि से ड़क की टीम धरनास्थल पर पहुंची। ड ने जांच कर बतायाकि अनशनकारी छात्र का वनज छह किग्रा घट गया है। जिसके बाद पुलिस प्रशासन उन्हें उठाकर अस्पताल में भर्ती करने की सोचने लगे। मंगलवार रात्रि को नो बजे के आस पास नायब तहसीलदार रूद्रप्रयाग के नेतृत्व में पुलिस टीम ने अनशनकारी छात्र को उठाने का प्रयास किया। परन्तु छात्र छात्राओं की भीड़ ने उन्हे ऐसा करने से रोक दिया। छात्र नेताओं ने डीएम, एसडीएम, एसपी आदि पर छात्रों के आन्दोलन को कुचलने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग कर दी। इस दौरन छात्र गो बैक के नारे लगाते रहे। इसी बीच चिकित्सकों की टीम अनशनकारी छात्र संध अध्यक्ष गौरव भट्ट की मेडिकल जांच करने लगी। मेडिकल जांच के बाद प्रशासन ने अचानक से गौरव भट्ट को अनशन स्थल से हटाने की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी। वहीं छात्रा छात्राओं ने इसका जमकर विरोध किया। स्वयं गौरव भट्ट किसी भी प्रकार से उठने के लिए तैयार नहीं हुए। काफी मशक्कत के बाद पुलिस टीम ने एएसआई प्रदीप चौहान के नेतृत्व में गौरव भट्ट को एम्बुलेंस की अनुपस्थिति में अपनी गाड़ी में बैठा दिया। छात्र छात्राओं ने तब तक मुख्य गेट बन्द कर गेट के आगे धरने पर बैठ गये। 15 मिनट तक नारेबाजी चलती रही। एम्बुलेंस के पहुंचने पर छात्रों को गेट से हटना पड़ा तब जाकर पुलिस गौरव भट्ट को एम्बुलेंस में बैठाकर जिला चिकित्सालय ले जा पाई। गौरव भट्ट के साथ छात्र संघ महासचिव अनिकेत सिंह एवं कई छात्र भी गए। इस दौरान अभाविप के विभाग संगठन मंत्री चौन सिंह रावत, विभाग सह संयोजक रोहित चौहान, जिला संयोजक अभिनव भट्ट, सहमंत्री अमित मिश्रा, कोषाध्यक्ष सोनम रावत, प्रकाश चौहान, खुशी नेगी, अजय कुमार, दिव्या, आशा सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं मौजूद थी।

 

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