पुलिस अधिकारियों ने लिया आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : बुधवार को पौड़ी पुलिस को फॉरेसिंग से संबंधित ट्रेनिंग पुलिस लाइन पौड़ी में क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन किट प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में पौड़ी साथ ही रुद्रप्रयाग व चमोली के 49 पुलिस अफसरों व कार्मिकों ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे जांच में फॉरेसिंग प्रणाली काम में आती है और न्यायिक दृष्टि से भी प्रमाणिक होती है।
प्रभारी जिला मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट श्रीनगर ने सभी ट्रेनरों को किट के प्रयोग और इसकी व्यावहारिक जानकारी दी। इसके साथ ही ड्रग डिटेक्शन, साक्ष्य संकलन, फिंगर प्रिंटिंग, ब्लड सेल सैंपलिंग और डिजिटल सबूत संरक्षण जैसे विषयों को भी बताया। इस ट्रेनिंग में जिले के सभी विवेचकों के लिए विशेष पुलिसिंग प्रशिक्षण सत्र रखा गया। इसमें बॉडी-वॉर्न कैमरों की रिकॉर्डिंग प्रक्रिया, डेटा संरक्षण, सुरक्षा प्रोटोकॉल आदि की भी जानकारी दी गई। ट्रेनिंग में पौड़ी, श्रीनगर व थाना देवप्रयाग के विवेचकों सहित अन्य थानों ने भी ऑन लाइन हिस्सा लिया। ट्रेनिंग में सीनियर वैज्ञानिक सहायक केशवानंद घिल्डियाल, प्रभारी मोबाइल फॉरेन्सिक यूनिट एसआई लक्ष्मी सकलानी व सजन सिंह आदि शामिल रहे। पौड़ी एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने कहा कि आधुनिक पुलिसिंग के लिए फॉरेंसिक की जानकारी बेहद जरूरी है। कहा कि बॉडी-वॉर्न कैमरों का गहन प्रशिक्षण आधुनिक पुलिसिंग में एक क्रांतिकारी कदम हैं, जो न केवल मौके पर घटित घटनाओं की वस्तुनिष्ठ रिकॉर्डिंग को संभव बनाएगा बल्कि पुलिस की पारदर्शिता व जवाबदेही को भी सुदृढ़ करेगा। पुलिसिंग के दौरान इन कैमरों की सहायता से सोशल मीडिया पर फैलने वाली कई भ्रामक व झूठी सूचनाओं का तथ्यात्मक खंडन भी प्रभावी रूप से किया जा सकेगा। साथ ही, यह उपकरण नए आपराधिक विधि संहिताओं के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायक सिद्ध होंगे, जो न्याय प्रक्रिया को और अधिक तकनीकी, प्रमाणिक व पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगें।