जंगल बने शराबियों के अड्डे, जिम्मेदार मौन

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कोटद्वार-रामणी मार्ग के साथ ही अन्य मार्गों पर बनी समस्या
जंगल से सटे मार्गों पर लगा रहता है शराबियों का जमावड़ा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कोटद्वार-रामणी मार्ग के साथ ही जंगल से सटे अन्य मार्ग शराबियों के अड्डे बनते जा रहे हैं। हालत यह है कि शाम ढलते ही जगह-जगह मार्ग पर शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है। पूर्व में हुई घटनाओं के बाद भी सरकारी सिस्टम अपनी जिम्मेदारी को लेकर लापरवाह बना हुआ है। रामणी, पुलिंडा के साथ ही अन्य गांव के ग्रामीण कई बार इस संबंध में पुलिस से शिकायत भी कर चुके हैं। बावजूद अब तक इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया। जबकि, इन दिनों मार्ग पर हाथियों के साथ ही अन्य जंगली जानवरों की भी धमक बनी हुई है।
कोटद्वार से रामणी-पुलिंडा गांव को जोड़ने के लिए वर्षों पूर्व जंगल के बीच से सड़क का निर्माण करवाया गया था। 25 किलोमीटर लंबे मार्ग पर प्रकृति की खूबसूरती हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। लेकिन, इस खूबसूरती पर असामाजिक तत्व बदनुमा दाग लगाते नजर आ रहे हैं। मार्ग पर सफर करते समय जगह-जगह शराबियों के अलग-अलग जत्थे आसानी से देखे जा सकते हैं। पार्टी करने के बाद असामाजिक तत्व गंदगी को जंगल में ही डाल देते हैं। जिससे जंगल के कई स्थान गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। असामाजिक तत्वों को जंगल में घुमने वाले जंगली जानवरों का डर भी नहीं सताता। जबकि, पूर्व में कई मर्तबा इस मार्ग पर हाथी के हमलों की घटनाएं हो चुकी हैं। यही स्थिति कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग से क्रेखाल को जाने वाले मार्ग व सनेह मार्ग के साथ ही कण्वाश्रम क्षेत्र में भी बनी हुई है।

फूटी बोतलों से जानवरों को खतरा
मार्ग में असामाजिक तत्व शराब पीने के बाद खाली बोतलों को जंगल में तोड़ देते हैं। इससे जंगल में घूमने वाले जानवरों को खतरा बना रहता है। साथ ही गंदगी से भी जंगल बदसूरत होते जा रहे हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि जंगलों की सुरक्षा का दवा करने वाला वन विभाग भी अपनी जिम्मेदारी को लेकर लापरवाह बना हुआ है। नतीजा, असामाजिक तत्वों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं।

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