वनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी वन विभाग और आम जनमानस की
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : उत्तराखण्ड के जंगलों में लगातार हो रही वनाग्नि की घटनाओं को देखते हुए सिविल एवं सोयम वन प्रभाग के नौगांवखाल रेंज द्वारा चलाए जा रहे जागरुकता अभियान के तहत पब्लिक इण्टर कॉलेज सुरखेत में आयोजित वनाग्नि सुरक्षा गोष्ठी में वनों को आग से होने वाली क्षति और जैव विविधता पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी गई।
सिविल एवं सोयम वन प्रभाग नौगांवखाल रेंज के वन क्षेत्राधिकारी दीपक रावत के मार्गदर्शन में आयोजित वनाग्नि सुरक्षा गोष्ठी में वन आरक्षी महावीर सिंह गुसाई, किरन कुमारी ने छात्र-छात्राओं को जानकारी देते हुए बताया कि वनों की सुरक्षा का दायित्व केवल वन विभाग का ही नहीं है बल्कि आम जनमानस का भी है। पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता को बचाए रखने के लिए सबको आगे आकर पहल करनी होगी। वनाग्नि से जहां लाखों-करोड़ों रुपये मूल्य की वन सम्पदा जलकर राख हो जाती है वहीं वन्य जीव जन्तु जलकर मर जाते हैं। धरती की सतह से भूमिगत जल स्तर नीचे चले जाने के कारण जल स्रोत सूख जाते हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य पुष्कर सिंह नेगी ने कहा कि वन और वन्य जीवों को अपनी धरोहर मानकर तथा प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनकर ही हम धरती को बचा सकते हैं। इस अवसर पर वन विभाग के कर्मचारियों ने छात्र-छात्राओं को जंगलों में लगने वाली आग को बुझाने का प्रशिक्षण दिया। गोष्ठी में विद्यालय के शिक्षक संजय कुमार, नीरज रमोला, प्रकाश चन्द्र कैंथोला, प्रमोद रावत, नरेन्द्र राणा, एनएसएस के स्वयं सेवी एवं अन्य छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।