उत्तराखंड

आवासीय मकानों तक पहुंची जंगल की आग

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अल्मोड़ा। गुरुड़ा गांव के सेलीग्वाड़ तोक और जीतब गांव से सटे जंगल पिछले दो दिनों से धधक रहे हैं। बावजूद इसके आग को बुझाने के लिए ठोस प्रयास नहीं किये जा रहे हैं। गुरुवार को जंगल की आग आवासीय मकानों के पास तक पहुंच गई, जिससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। महिलाओं ने कड़ी मशक्कत के बाद आग को आवासों में फैलने से रोका। वहीं, वन विभाग मामले में अंजान बना रहा। गुरुवार सुबह जंगल में लगी आग सेलीग्वाड़ में ग्रामीणों के मकानों के करीब पहुंच गई थी। आनन-फानन में महिलाओं और ग्रामीणों ने एकजुट होकर आग पर काबू पाया। ग्रामीणों ने कहा जंगल में लगी आग से वन संपदा जलकर नष्ट हो रही है और वन विभाग मामले से अंजान बना है। वन पंचायत सरपंच लीला बोरा ने कहा सूचना देने के बाद भी वन विभाग का कोई कर्मचारी आग बुझाने के लिए मौके पर नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा वन विभाग की नाकामी के कारण पिछले साल छतार के जंगल में आग बुझाते समय गांव की कई महिलाएं चोटिल हो गई थी। जिन्हें सहायता देने के लिए वन विभाग के आला अधिकारियों को पत्र भेजा गया। लेकिन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। कहा फायर सीजन के नाम पर विभाग कागजी कार्रवाई कर रहा है और जंगल आग में जलकर नष्ट हो रहे हैं। बिना संसाधनों के भी ग्रामीण आग बुझाने में लगे हुए हैं, लेकिन विभागीय अधिकारियों के फोन तक नहीं उठते हैं। वन सरपंच लीला बोरा के नेतृत्व में आग बुझाने वाली की टीम में हिमांशु बोरा, भावना बोरा, बीना बोरा, नीमा बोरा, लीला देवी, विमला देवी, खीम सिंह, भूपाल सिंह बोरा, ममता बोरा, अंजू बोरा,मुन्नी देवी, लक्ष्मी देवी, दया बोरा, बीना देवी आदि।
विभाग की पूरी टीम भतीना के जंगल में लगी आग को बुझाने में लगी है। सेलीग्वाड़ के जंगल में लगी आग की सूचना मिल गई है। कुछ लोगों को वहां भी आग बुझाने के लिए भेजा जा रहा है।
– नवीन टम्टा, वन क्षेत्राधिकारी।

 

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