नईदिल्ली, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का आज भारत दौरे का दूसरा दिन है। उनका राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और सीडीएस अनिल चौहान मौजूद रहे। यहां पुतिन को गार्ड ऑफ ऑनर और 21 तोपों की सलामी दी गई। इसके बाद पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
भारत और रूस के बीच हैदराबाद हाउस में बेहद अहम द्विपक्षीय बैठक शुरू हो गई है। पुतिन के साथ आया पूरा प्रतिनिधिमंडल और भारतीय प्रतिनिधिमंडल इसमें हिस्सा ले रहा है। पुतिन के प्रतिनिधिमंडल में 7 मंत्री भी शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान दोनों देशों में व्यापार और रक्षा क्षेत्र से जुड़े अहम समझौतों और मुद्दों पर चर्चा होगी। पुतिन की यात्रा की ये सबसे अहम बैठक मानी जा रही है।
हैदराबाद हाउस में बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि भारत हमेशा शांति का साथ देता है और शांति के पक्ष में मजबूती से खड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे विश्वास है कि रूस और यूक्रेन जल्द ही शांति के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे। पुतिन एक दूरदर्शी नेता हैं। भारत शांति के हर प्रयास का समर्थन करता है। इसके बाद पुतिन ने कहा कि रूस भी शांति का पक्षधर है।
भारत रूस से एस-400 वायु रक्षा प्रणाली और सुखोई एसयू-57 लड़ाकू विमान खरीद सकता है। वोरोनेज रडार प्रणाली और पंतशीर एयर सिस्टम पर भी समझौते की उम्मीद है। चर्चा का सबसे ज्यादा फोकस व्यापार पर होगा। दोनों देश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं। वहीं, रेलोस यानी रसद समझौते पर भी चर्चा होगी। इसके तहत भारत और रूस की सेनाएं जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे की सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकेंगी।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन कल शाम करीब 6:45 बजे भारत आए थे। उनकी अगुवाई के लिए प्रधानमंत्री मोदी खुद प्रोटोकॉल तोड़कर पालम हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। वहां पुतिन का रेड कार्पेट स्वागत किया गया। इसके बाद दोनों नेताओं ने एक बड़ा संदेश देते हुए अपनी-अपनी कारों की जगह एक ही कार में प्रधानमंत्री आवास तक का सफर किया। यहां प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन के लिए निजी डिनर होस्ट किया था, जिसमें केवल दोनों नेता ही थे।
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