आशा कार्यकत्रियों के आंदोलन को पूर्व विधायक ने दिया समर्थन
आशा कार्यकत्रियां बोली 2 हजार में दम नहीं 21 हजार से कम नहीं
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। आशा कार्यकत्रियों के आंदोलन को पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत ने समर्थन दिया। उन्होंने आशाओं की मांग को जायज ठहराते हुए प्रदेश सरकार से उनकी 12 सूत्रीय मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की। इस दौरान आशा कार्यकत्रियों ने 2 हजार में दम नहीं 21 हजार से कम नहीं सहित अन्य नारे लगाये।
गुरूवार को आशा कार्यकत्रियों ने सरकारी कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम 21 हजार रुपये का मानदेय देने सहित अन्य मांगों को लेकर 25वें दिन भी तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन जारी रखा। पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने आशाओं के आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की बात करते हुए कहा कि ये गूगें बहरों की सरकार है, यह सरकार ऐसे नहीं सुनेगी, इस सरकार को जगाने के लिए उग्र आंदोलन करना पड़ेगा। पूर्व विधायक ने प्रदेश सरकार से आशा कार्यकत्रियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम 21 हजार रुपये का मानदेय देने, जब तक मानदेय और कर्मचारियों का दर्जा मिलने तक अन्य विभागों से योजनाओं में लगे कार्मिकों की तरह मानदेय देने, सेवानिवृत्त होने पर पेंशन की सुविधा देने, कोविड कार्यों में लगी आशा कार्यकत्रियों को दस हजार रुपये मासिक भत्ता, 50 लाख रुपये का बीमा और दस लाख का स्वास्थ्य बीमा देने, कोविड ड्यूटी के दौरान मृत आशा कर्मियों के आश्रितों को 50 लाख का बीमा और चार लाख का अनुग्रह राशि देने, सेवा के दौरान दुर्घटना या किसी तरह बीमारी होने पर सुरक्षा के लिए नियम बनाए और न्यूनतम दस लाख रुपये का मुआवजा देने, देय मासिक राशि और सभी मदों का समय से भुगतान करने, आशाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने, सभी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति करने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में जिला पंचायत सदस्य भरत सिंह नेगी, वीरेंद्र सिंह रावत सहित अध्यक्ष प्रभा चौधरी, उपाध्यक्ष मीरा नेगी, सचिव रंजना कोटनाला, मंजू नेगी, यशोदा जखमोला, रीना देवी, सुमित्रा, संजू नेगी, शांति देवी, कांति कंडारी, कुसम, प्रीति, प्रवेश, सुमित्रा भट्ट, नीलम कुकरेती, कल्पना बिष्ट, रोशनी, मधु ममगांई, गोदाम्बरी, मुन्नी नयाल, कल्पना काला, मेघा असवाल, रेखा देवी, हेमा, दीपा रावत, सुरभि काला, बबीता ममगांई, ज्योति, रोशनी जदली आदि शामिल थे।