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पूर्व मंत्री नेगी ने लगाया कुपोषित बच्चों के 560 करोड़ के आहार खरीद में महाघोटाले का आरोप

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने बाल विकास एवं महिला सशक्तीकरण मंत्रालय के द्वारा कुपोषित बच्चों को दिये जाने वाले खाद्यान्न का बाहरी प्रदेशों के उद्योगपतियों को 560 करोड़ का ठेका दिये जाने की बात करते हुए महाघोटाले का आरोप लगाया है। कहा कि बाल विकास एवं महिला सशक्तीकरण की मंत्री इस घोटाले में सीधे तौर पर शामिल होती प्रतीत हो रही है। जो कि प्रदेश की जनता के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।


लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता करते हुए सुरेन्द्र सिंह नेगी ने बाल विकास एवं महिला सशक्तीकरण मंत्रालय में हो रहे घोटाले का खुलासा करते हुए कहा कि वर्तमान में मंत्रालय के द्वारा कुपोषित बच्चों को दिये जाने वाले खाद्यान्न को लेकर पांच सौ साठ करोड का टेंडर जारी किया गया है। जिसमें सौ करोड़ के टर्नओवर वाले कम्पनियों एवं समूह को ही टेंडर डाले जाने की शर्त रखी गयी है। कहा कि वर्तमान में उत्तराखण्ड में ऐसी कोई कम्पनी या महिलाओं का कोई भी समूह नहीं है, जिनका टर्न ओवर सौ करोड का हो, टेंडर जारी होने से लगता है कि बाल विकास एवं महिला सशक्तीकरण मंत्री के द्वारा उक्त टेंडर को बाहरी उद्योगपतियों एवं कम्पनियों को दिये जाने की साजिश है। सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में उक्त योजना में पहाडी क्षेत्रों के किसानों के उत्पादों को शामिल करते हुए कुपोषित बच्चों के लिए सम्पूर्ण आहार योजना तैयार की जाती रही है। लेकिन यदि बाहरी उद्योगपतियों एवं कम्पनियों को ठेका दिया गया तो सीधे तौर पर उत्तराखंड के किसानों को बहुत बड़ा नुकसान होने वाला है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से उक्त जारी टेंडर पर रोक लगाते हुए समीक्षा किये जाने की मांग की है और कहा है कि यदि उक्त महाघोटाले वाले 560करोड़ के टेंडर की पर्वतीय किसानों के हितों को देखते हुए सकारात्मक समीक्षा नहीं की गयी तो कांग्रेस पार्टी सदन से लेकर सड़कों पर आंदोलन के लिए बाध्य होगी। तथा आगामी विधानसभा चुनाव में इसे मुद्दा भी बनायेगी। उन्होंने कहा कि उक्त मामले को सदन में उठाने के लिए नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को भी पत्र भेज दिया गया है। तथा कांग्रेस के विधायकों को भी अवगत करा दिया गया है। बाल विकास मंत्री के द्वारा इस प्रकार के टेंडर जारी करने से पहाड़ी उत्पाद गहत, काला भट्ट, मंडुआ सहित सैकड़ों उत्पादों को वंचित रखने की साजिश की जा रही है। साथ ही उक्त टेंडर को बाहरी कम्पनियों एवं उद्योगपतियों को दिये जाने से हैल्प ग्रुप एवं महिला समूहों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरे प्रदेश में 70़8971 लाभार्थी है, जिसमें आधा किलो मंडुवा, व छह सौ ग्राम गहत की दाल दी जाती है, यानी कि लगभग 354 टन मंडवा और 425टन गहत की दाल की खपत बंद हो जायेगी। जोकि पर्वतीय किसानों के लिए बहुत बडा झटका साबित होगा।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष डा़ चन्द्रमोहन खर्कवाल, महानगर अध्यक्ष संजय मित्तल, बलवीर सिंह रावत, बीडी नवानी, राजेन्द्र गुसाई, अमित राज सिंह, विजय रावत, हिमांशू बहुखंडी, धीरेन्द्र सिंह बिष्ट मौजूद थे।

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