पौड़ी। पूर्व पालिका अध्यक्ष पौड़ी कुंज बिहारी नेगी का निधन हो गया, वे करीब 84 साल के थे और कुछ दिन से बीमार चल रहे थे। उन्होंने पौड़ी स्थित अपने निवास पर बुधवार को अंतिम सांस ली। उत्तराखंड आंदोलन से लेकर गढ़वाल विश्वविद्यालय सहित और अन्य तमाम आंदोलनों में हिस्सा लेने वाले कुंजबिहारी नेगी अविवाहित थे। उनके निधन पर राजनीतिक दलों, कलाकारों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और पौड़ी के विधायक राजकुमार पोरी ने भी पूर्व पालिकाध्यक्ष कुंजबिहारी नेगी के निधन पर शोक जताया है। कुंज बिहारी नेगी का पौड़ी के प्रति बेहद लगाव था और वह अंत तक बड़ी गहराई से पौड़ी से जुड़े रहे। पूर्व पालिकाध्यक्ष कुंजबिहारी नेगी ने गढ़वाल विश्वविद्यालय (अब केंद्रीय विश्वविद्यालय) की स्थापना के लिए चलाएं गए आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आंदोलन को सफल बनाने के लिए वह कई दिनों तक भूख हड़ताल पर भी बैठे थे। इसके लिए उन्हें अपने अन्य साथियों के साथ जेल भी जाना पड़ा था। इसके साथ ही उन्होंने कई आंदोलनों में भी अग्रणीय भूमिका निभाई थी। विभिन्न आंदोलनों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने वाले कुज बिहारी नेगी की पहचान एक संघर्षशील व्यक्तित्व के रूप में जानी जाती है। वह पौड़ी में स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए कई बार मुखर रहे। उनके लंबे संघर्ष को देखते हुए पौड़ी की जनता ने उन्हें अभिभाजित उत्तर प्रदेश में वर्ष 1997 में पौड़ी नगर पालिका का अध्यक्ष बनाया। कुंज बिहारी नेगी 2002 तक इस पद पर रहे। इससे पूर्व कुंजबिहारी नेगी पौड़ी डिग्री कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे। कुंज बिहारी नेगी विभिन्न संगठनों के द्वारा सम्मानित भी हुए। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार श्रीनगर अलकनंदा नदि के घाट पर किया गया। उनके निधन पर गुरुवार को पौड़ी पालिका ने भी शोक में दफ्तर बंद रखा। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज , विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी सहित पूर्व पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम, पालिकाध्यक्ष पौड़ी हिमानी नेगी, बीजेपी जिलाध्यक्ष कमल किशोर रावत,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केशर सिंह, प्रशांत नेगी, सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों, रंगमंच के कलाकारों, पालिकाकर्मियों आदि ने शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए इसे अपूर्णीय क्षति बताया है।