अल्मोड़ा। देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बुधवार को दो दिवसीय आध्यात्मिक यात्रा के दौरान दूनागिरी की पवित्र वादियों में स्थित महावतार बाबा की गुफा पहुंचे। घने जंगलों के बीच पांडवखोली के समीप स्थित इस ऐतिहासिक गुफा तक पहुंचने के लिए उन्होंने लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबी खड़ी चढ़ाई को डोली के माध्यम से पार किया। गुफा पहुंचने से पूर्व उन्होंने योगदा आश्रम के स्मृति भवन में करीब आधा घंटा व्यतीत किया, जहां सन्यासियों से उन्होंने महावतार बाबा, लाहिड़ी महाशय, युक्तेश्वर गिरी और परमहंस योगानंद जैसे महान संतों के जीवन, उपदेशों और क्रिया योग के महत्व पर जानकारी प्राप्त की। इसके बाद गुफा में ध्यान लगाकर उन्होंने लगभग तीन घंटे का समय साधना में बिताया। ध्यान के बाद उन्होंने इस अनुभव को ‘अद्भुत और आत्मशांति प्रदान करने वाला’ बताते हुए कहा कि दूनागिरी की वादियां अध्यात्म से परिपूर्ण हैं और वे पुनः यहां आने की इच्छा रखते हैं। पूर्व राष्ट्रपति के भ्रमण के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी तैनात रहे। दिव्य प्रेम सेवा मिशन के आशीष गौतम सहित स्थानीय प्रशासन के अधिकारी पूरे समय मौजूद रहे।
*ग्रामीणों ने किया आत्मीय स्वागत*
महावतार बाबा की गुफा की यात्रा से पूर्व जब पूर्व राष्ट्रपति का काफिला रतखाल गांव पहुंचा, तो ग्रामीणों ने पारंपरिक पिछोड़ा पहन उनका फूलमालाओं से भव्य स्वागत किया। उन्होंने ग्रामीणों से आत्मीय बातचीत की और उनके स्नेह से अभिभूत नजर आए। इस अवसर पर ग्राम प्रधान नीतू देवी, नंदन सिंह, उमा देवी, मुन्नी देवी, केशव सिंह और शेखर शर्मा सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित रहे।
*गुफा दर्शन के बाद विश्राम कर रवाना हुए नैनीताल*
गुफा में ध्यान लगाने के पश्चात रामनाथ कोविंद ने 18 किलोमीटर की सड़क यात्रा कर द्वाराहाट के भुमकिया स्थित एक रिसोर्ट में दो घंटे विश्राम किया। भोजन के उपरांत वे अपने काफिले के साथ रानीखेत रोड होते हुए नैनीताल के लिए रवाना हुए। कार्यक्रम के सफल समापन के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली। पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था के लिए कई जिलों से पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी तैनात किए गए थे।