पूर्व छात्र नेता व पार्षद संदीप पटवाल का निधन
देहरादून। डीएवी महाविद्यालय के पूर्व छात्र नेता व तीन बार पार्षद रहे राज्य आंदोलनकारी संदीप पटवाल का लम्बी बीमारी का बाद मंगलवार देर रात को दून में निधन हो गया। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने उनके निधन पर शोक जताकर श्रद्घाजंलि दी है। वह राजपुर रोड स्थित साकेत विहार में रहते थे। संदीप पटवाल को सांस लेने की दिक्कत के चलते दो दिन पहले दून मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। फेफड़ों में इंफेक्शन के चलते पिछले डेढ़ दो वर्षों से एम्साषिकेश से इलाज चल रहा था। अन्तिम संस्कार हरिद्वार में किया गया। उनके पुत्र दिव्यांश पटवाल ने मुखाग्नि दी। 90 के दशक में डीएवी कलेज में संदीप पटवाल प्रमुख छात्र नेता रहे। राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, प्रदेश उपाध्यक्ष सतेन्द्र भण्डारी ने बताया कि रवीन्द्र जुगरान को डीएवी महाविद्यालय में महासचिव व अध्यक्ष बनाने में इनकी पूरी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। राज्य आन्दोलन में संदीप पटवाल ने बहुत योगदान दिया। राज्यांदोलन के दौरान बन्द, चक्का जाम, रेल रोको व छात्रों के साथ समन्वय बनाने में उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई थी। प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने बताया कि जब राज्य आन्दोलन के लिए रविन्द्र जुगरान के नेतृत्व में उन्होंने सुनील डबराल, सुबोध सती, विजय प्रताप मल्ल के साथ मिलकर एक स्कूटर रैली निकाली थी। पहली बार दून शहर में इतनी बड़ी दो पहिया वाहन रैली आयोजित हुई थी। प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूड़ी, गणेश डंगवाल ने बताया कि राज्य बनने के बाद वह भाजपा से जुड़ गये और आर्यनगर क्षेत्र से लगातार तीन बार पार्षद रहे। उनको श्रद्घा सुमन अर्पित करने वालों में रवीन्द्र जुगरान, विजय प्रताप मल्ल, राकेश बटेती, सुशील कुमार, वेदा कोठारी, ओमी उनियाल, सुबोध सेमवाल, सुरेश चंदोला, महेन्द्र रावत, कलम सिंह गुसाईं, चन्द्र किरण राणा, रामष्ण तिवारी, देवेन्द्र बडोला, प्रेम सिंह नेगी, बीर सिंह रावत, सतेन्द्र नौगांई, विनोद असवाल, पुष्पलता सिलमाणा, सुलोचना भट्ट, राजेश्वरी नेगी, राधा तिवारी, अरुणा थपलियाल, देवेश्वरी रावत, सुलोचना गुसांई आदि रहे।