नई टिहरी : पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने परिजनों और सहयोगियों के साथ सुप्रसिद्ध संस्था नक्षत्र वेधशाला का भ्रमण किया। इस मौके पर डॉ. निशंक ने 1946 में स्व. आचार्य चक्रधर जोशी द्वारा स्थापित वेधशाला को विश्व धरोहर बताया। डॉ. निशंक ने यहां प्राचीन सूर्य घटी, जल और धुर्व घटी, साढ़े तीन सौ वर्ष पुरानी एक पृष्ठ पर लिखी गीता व दुर्गा सप्तशती, पीपल के पत्तों पर उकेरी गई कला कृतियां, जर्मनी-जापान की दुरबीनें व दुर्लभ पांडुलिपियों को देखा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यहां के विशाल पुस्तकालय का समुचित उपयोग किए जाने की बात कही। उन्होंने वेधशाला के जर्जर एक हिस्से के पुनर्निर्माण के लिए सरकार से बात करने का भी आश्वासन दिया। इस मौके पर उन्होंने वेधशाला संस्थापक स्व. आचार्य जोशी की 90 वर्षीय पत्नी विद्या देवी जोशी से भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया। भ्रमण में उनकी बेटी विदुषी, दामाद आर्यन उनियाल, विधायक देवप्रयाग विनोद कंडारी भी साथ थे। इस मौके पर सृष्टि जोशी, राहुल कोटियाल, शशि ध्यानी, रजनी देवी, राजेश कुंवर आदि मौजूद रहे। (एजेंसी)